लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने से साफ इनकार कर दिया। इसके विरोध में समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधानसभा में सपा के सदस्यों अनिल प्रधान, पंकज मलिक और अन्य द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) एक अप्रैल 2005 से लागू की गई थी।

सरकार अब पुरानी योजना को बहाल करने पर विचार नहीं कर रही है। खन्ना ने सपा सदस्यों द्वारा पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी के भविष्य की बेहतर सुरक्षा होने की बात पर जोर दिये जाने के संबंध में कहा कि नयी योजना को कर्मचारी संगठनों से बातचीत के बाद लागू किया गया है। नयी योजना में औसतन 9.32 फीसदी ब्याज दिया जाता है।

राज्य के संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, ‘‘वे (कर्मचारी) आठ प्रतिशत ब्याज चाहते थे और नयी पेंशन योजना के तहत 9.32 प्रतिशत की औसत ब्याज दर दी गई है।” उन्होंने कहा कि योजना के तहत 85 फीसदी धन सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश किया गया है, जबकि बाकी 15 फीसदी भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), युनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (यूटीआई) और जीवन बीमा निगम (एलआईसी) जैसे ‘फंड मैनेजर’ के पास है, जिनकी साख के बारे में सभी को पता है। बहरहाल, सपा सदस्य सरकार के इस जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से बहिर्गमन कर गये।

 

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