जम्मू कश्मीर के पुंछ में 20 अप्रैल को सेना के गाड़ी पर हुए आतंकी हमले में राष्ट्रीय राइफल्स के पांच जवान शहीद हो गए। जी-20 की शिखर बैठक के बीच हुए आतंकियों ने इस हमले के जरिए भारतीय एजेंसियों को कड़ी चुनौती दी है। इस हमले की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ( NIA) करेगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुंछ हमले की जांच के लिए एनआईए की टीम जम्मू कश्मीर जा सकती है। टीम घटनास्थल का दौरा कर जरूरी फैक्ट जमा करेगी। गुरुवार 20 अप्रैल दोपहर बाद करीब तीन बजे जम्मू कश्मीर के पुंछ में सेना के एक वाहन में अचानक आग लगी। शुरुआती जानकारी के अनुसार इस घटना में भारत के चार जवानों के शहीद होने की बात सामने आई। पहले यह एक हादसा लगा। लेकिन बाद में सेना की छानबीन के बाद कुछ और कहानी सामने आई।
गुरुवार रात सेना ने पुंछ आतंकी हमले में शहीद हुए पांचों जवानों की पहचान सार्वजनिक की। इस हमले में शहीद हुए पांच जवानों में से चार पंजाब के और एक ओड़िशा के रहने वाले थे। शहीदों की पहचान लांस नायक देबाशीष बसवाल, लांस नायक कुलवंत सिंह, सिपाही हरकिशन सिंह, सिपाही सेवक सिंह और हवलदार मनदीप सिंह के तौर पर हुई है। लांस नायक देबाशीष बसवाल उड़ीसा के रहने वाले हैं, जबकि अन्य 4 शहीद पंजाब के निवासी हैं।
सेना की ओर से जारी बयान के अनुसार हमला दोपहर 3 बजे हुआ, जब सेना का ट्रक राजौरी सेक्टर में भीमबेर गली और पुंछ के बीच चल रहा था। बताया गया कि सेना के जवान ट्रक से सब्जी और अन्य जरूरी सामान लेने गए थे। इसी दौरान सेना के ट्रक पर आतंकियों ने हमला किया था।
इस हमले की जिम्मेदारी PAFF नामक आतंकी संगठन ने ली है। PAFF का पूरा नाम पीपल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट है। पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट जम्मू-कश्मीर में खासा सक्रिय है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़ा है। इसी साल जनवरी में गृह मंत्रालय ने इस संगठन पर नकेल कसते हुए इसे बैन किया था।
गुरुवार शाम सेना की ओर से दिए गए बयान में कहा गया कि पुंछ में सेना के वाहन पर आतंकी हमला किया गया था। आतंकियों ने सेना के वाहन पर गोलीबारी की। साथ ही ग्रेनेड भी फेंके। जिससे वाहन में आग लगी और राष्ट्रीय राइफल्स के पांच जवान शहीद हो गए। आतंकी हमले की पुष्टि के बाद सेना इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही है।