केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से ब्याज दरों में कटौती की सिफारिश की। उन्होंने कहा कि इससे देश की आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा। गोयल ने मौजूदा आर्थिक स्थिति, महंगाई, और ब्याज दरों पर अपने विचार साझा करते हुए यह स्पष्ट किया कि खाद्य पदार्थों की महंगाई का मुद्रास्फीति पर कोई खास असर नहीं पड़ा है, और निजी निवेश में भी सकारात्मक वृद्धि देखी जा रही है।

गोयल ने कहा कि चाहे अमेरिका के आगामी चुनावों के परिणाम जैसे भी हों, भारतीय उद्योगपति और व्यापारी अपने रिश्तों को मजबूती से बनाए रखेंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि दिसंबर तक महंगाई में गिरावट देखने को मिलेगी। निवेशकों के लिए उनकी सलाह थी कि वे तिमाही आंकड़ों पर ज्यादा ध्यान न दें और दीर्घकालिक लाभ को प्राथमिकता दें।

इस दौरान, पीयूष गोयल ने यह भी दावा किया कि मोदी सरकार के तहत, स्वतंत्रता के बाद से महंगाई दर सबसे कम रही है। इसके लिए सरकार और RBI द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

हालांकि, अक्टूबर में भारत की खुदरा महंगाई दर 6.21% तक पहुंच गई, जो सितंबर में 5.49% थी। इस वृद्धि का मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल, विशेषकर प्याज के दामों में तेजी है। यह पहली बार है कि महंगाई दर, RBI द्वारा निर्धारित 6% के सीमा से ऊपर गई है, जो अगस्त के बाद हुआ।

 

 

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