सत्तारूढ़ भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की कई दौर की बैठकों के बाद केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल की संभावना को लेकर जारी चर्चाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। यह बैठक सोमवार को दिल्ली के प्रगति मैदान में नवनिर्मित सम्मेलन कक्ष में होने की उम्मीद है, जो सितंबर में G-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार के अपनी पार्टी के कई विधायकों के साथ भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल होने और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित भाजपा के रणनीतिकारों से जुड़ी बंद कमरे में हुई कई बैठकों के बाद मंत्रिपरिषद में फेरबदल की संभावनाओं को बल मिला है।
राकांपा के वरिष्ठ सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल को एक संभावित दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। पटेल, राकांपा प्रमुख शरद पवार के बेहद करीबियों में गिने जाते थे लेकिन उन्होंने उनका साथ छोड़कर अजित पवार से हाथ मिला लिया। अजित पवार, शरद पवार के भतीजे हैं। अजित पवार के महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही देवेंद्र फडणवीस को केंद्र सरकार में लाए जाने की भी अटकलें तेज हो गई हैं। भाजपा सूत्रों ने संकेत दिया है कि जब भी पीएम मोदी अपने मंत्रिपरिषद में फेरबदल का फैसला करेंगे तो सहयोगी दलों को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। आगामी 20 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र से पहले की अवधि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल या बदलाव का आखिरी मौका हो सकता है। इसलिए मंत्रिपरिषद में फेरबदल या विस्तार की संभावनाओं को और बल मिला है।
सूत्रों ने कहा कि कुछ राज्यों सहित भाजपा के केंद्रीय संगठन में भी कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं क्योंकि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार तेज करने में जुटा है। मोदी ने 28 जून को शाह और नड्डा के साथ बैठक की थी। इससे पहले, संगठनात्मक और राजनीतिक मामलों का जायजा लेने के लिए शाह और नड्डा सहित अन्य शीर्ष नेता बंद कमरे में कई दौर की बैठक कर चुके हैं।
सूत्रों का कहना है कि मंत्रिपरिषद में किसी भी तरह का फेरबदल आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर भी किया जाएगा। भाजपा इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए तैयारियों में जुटी है। हाल ही में कर्नाटक में कांग्रेस ने भाजपा को पटखनी देकर सरकार बनाई थी। इस साल के अंत में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव होने हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा का सीधा मुकाबला कांग्रेस से है।