राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने बलात्कार के खिलाफ पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा पारित विधेयक के समान ही महाराष्ट्र में भी ऐसा विधेयक लाने की वकालत बुधवार को की। पश्चिम बंगाल विधानसभा में पारित विधेयक में बलात्कार के दोषियों को मृत्युदंड देने का प्रावधान है। पवार ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस पर उनकी इस कथित टिप्पणी के लिए निशाना साधा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने कभी सूरत को नहीं लूटा। उन्होंने कहा कि किसी को भी लोगों के समक्ष गलत इतिहास पेश नहीं करना चाहिए।

पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को सर्वसम्मति से बलात्कार रोधी विधेयक पारित कर दिया, जिसमें पीड़िता की मौत होने या उसके ‘कोमा’ जैसी स्थिति में जाने पर दोषियों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है। कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 9 अगस्त को एक चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना के बाद जारी व्यापक प्रदर्शनों के मद्देनजर, यह विधेयक पेश व पारित करने के लिए विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया था। पवार ने कहा, ‘‘ महाराष्ट्र को पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा पारित विधेयक की तरह ही विधेयक लाने पर विचार करना चाहिए। मेरी पार्टी ऐसे विधेयक का समर्थन करती है…महाराष्ट्र में अब कोई विधानमंडल सत्र नहीं होगा क्योंकि जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। हम अपने चुनाव अभियान में इस बिंदु को उजागर करेंगे और चुनाव घोषणापत्र में भी इसका उल्लेख करेंगे।” शिवाजी महाराज पर फडणवीस की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विवाद का मुद्दा यह है कि मराठा योद्धा ने सूरत को लूटा था या नहीं।

वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘ इस तथ्य के बावजूद, फडणवीस ने एक अलग बयान दिया, जिसमें उन्होंने संकेत दिया कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने (सूरत को) लूटने का काम नहीं किया था। उपमुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने शिवाजी महाराज के बारे में गलत इतिहास फैलाया।” पवार ने कहा, ‘‘ इतिहासकारों को यह अधिकार है कि वे वर्षों के शोध के बाद तथ्य प्रस्तुत करें। कल (प्रसिद्ध इतिहासकार-लेखक) जयसिंहराव पवार ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि दो बार सूरत में अभियान चलाया था। सूरत की यात्रा का उद्देश्य अलग था और इसे जयसिंहराव पवार ने स्पष्ट किया था। एक अन्य इतिहासकार इंद्रजीत सावंत ने भी उनकी राय पर सहमति जताई।”

पवार ने कहा, ‘‘ इसका अर्थ है कि किसी को भी लोगों और युवा पीढ़ी के सामने गलत इतिहास पेश नहीं करना चाहिए।” हाल ही में सिंधुदुर्ग जिले में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना पर पवार ने कहा कि जिस मूर्तिकार को प्रतिमा बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी उसके पास इस क्षेत्र का कोई खास अनुभव नहीं थी और उसने इतनी बड़ी प्रतिमा कभी नहीं बनाई थी। कुछ अन्य सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि महा विकास अघाडी (एमवीए) को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की कोई जरूरत नहीं है। पवार ने कहा, ‘‘चुनाव नतीजों के बाद संख्या के आधार पर फैसला किया जा सकता है।” पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि एमवीए सीट बंटवारे की प्रक्रिया पूरी करे और जल्द से जल्द चुनाव अभियान शुरू करे। पवार ने कहा कि एमवीए में पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को भी शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि इन दलों का भी राज्य के कुछ क्षेत्रों में प्रभाव है।

 

 

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