वाराणसी जिला न्यायाधीश की अदालत में एक महिला ने सोमवार को याचिका दाखिल कर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में बंद अन्य सभी तहखानों का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वेक्षण कराने की मांग की है। जिला अदालत ने अर्जी पर सुनवाई के लिए 6 फरवरी यानी आज की तारीख तय की है। विश्व वैदिक सनातन संघ की संस्थापक सदस्य और मां श्रृंगार गौरी मामले में एक पक्षकार राखी सिंह ने यह याचिका दाखिल की है, जिनकी पहले की एक याचिका पर एएसआई सर्वेक्षण हुआ था।
मिली जानकारी के मुताबिक, राखी सिंह के अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने बताया कि सोमवार को दाखिल की गई याचिका में अनुरोध किया गया है कि ज्ञानवापी परिसर में बंद सभी तहखानों एएसआई से सर्वेक्षण कराया जाए। उन्होंने बताया कि आवेदन में बंद भूतल का नक्शा भी शामिल किया गया है। अर्जी में कहा गया है कि तहखानों के अंदर गुप्त तहखाने हैं, जिनका सर्वेक्षण करना जरूरी है ताकि ज्ञानवापी का पूरा सच सामने आ सके। पांच महिलाओं की पूर्व याचिका के आधार पर, एएसआई ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण किया था। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ज्ञानवापी मस्जिद का तहखाना खोल दिया गया और ‘काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट’ के पुजारियों ने पूजा शुरू कर दी है।
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के ‘साइन बोर्ड’ पर मस्जिद की जगह कथित तौर पर मंदिर का स्टिकर चिपकाने वाले ‘हिंदू समाज पार्टी’ के प्रदेश सचिव पर धार्मिक भावनाएं भड़काने सहित अन्य मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। वाराणसी पुलिस आयुक्तालय की सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) प्रज्ञा पाठक ने बताया कि एक अदालत के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ शुरू होने के बाद एक वीडियो सामने आया था। उन्होंने कहा कि इस वीडियो में एक व्यक्ति ज्ञानवापी मस्जिद के ‘साइन बोर्ड’ पर मस्जिद की जगह मंदिर का स्टिकर चिपकाते हुए देखा गया था। पाठक ने बताया कि उस व्यक्ति की पहचान ‘हिंदू समाज पार्टी’ के प्रदेश सचिव रोशन पांडेय के रूप में हुई है। पुलिस ने रोशन पांडेय पर धारा 153 ए (दो समूहों के बीच धार्मिक भावनाएं भड़काने), 505(दो) (किसी धार्मिक समूह के बारे में उल्टी सीधी खबर फैलाना), 295(ए) (जानबूझकर धार्मिक भावनाएं भड़काना) सहित आईटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। एसीपी ने कहा कि पुलिस आरोपी रोशन पांडेय की तलाश कर रही है।