लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब में करीब 67 हजार मतदाताओं ने नोटा (इनमें से कोई नहीं) का विकल्प चुना जबकि कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 13 में से सात सीट पर जीत दर्ज की है।
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 67,158 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना जो कुल पड़े मतों का 0.49 प्रतिशत है।
फतेहगढ़ आरक्षित सीट पर सबसे अधिक 9188 मतदाताओं ने मैदान में उतरे सभी उम्मीदवारों को खारिज कर दिया।
पटियाला में 6,681 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया जबकि आनंदपुर साहिब में यह विकल्प चुनने वालों की संख्या 6,402 रही।
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, फिरोजपुर में कुल 6,100 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना जबकि होशियारपुर में 5,552; लुधियाना में 5,076; बठिंडा में 4,933; जालंधर में 4,743; फरीदकोट में 4,143; संगरूर में 3,830; अमृतसर में 3,714; खडूर साहिब में 3,452 और गुरदासपुर में 3, 354 मतदाताओं ने नोटा को अपना मत दिया।
कांग्रेस ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप), विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को करारा झटका देते हुए पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से सात पर जीत हासिल की, जबकि दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी आश्चर्यजनक जीत दर्ज की।
आप ने तीन सीट पर जीत दर्ज की जबकि सुखबीर सिंह बादल नीत शिअद को एक सीट मिली है। वहीं पंजाब में भाजपा खाता भी नहीं खोल सकी।