उत्तर प्रदेश सरकार ने नेपाल बॉर्डर से सटे संवेदनशील जिलों में सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार की मंजूरी के बाद ATS (एंटी-टेररिज्म स्क्वाड) की यूनिट स्थापित करने की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो गई है। यह नई ATS यूनिट्स पीलीभीत, मिर्जापुर, खीरी, सिद्धार्थनगर और मुरादाबाद जैसे महत्वपूर्ण जिलों में बनाई जा रही हैं। इन यूनिट्स के साथ ही प्रदेश की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाया जाए, जिससे आतंकवाद से संबंधित स्लीपिंग मॉड्यूल्स पर कड़ी निगरानी रखी जा सके।
यह ध्यान देने योग्य है कि राज्य सरकार ने तीन वर्ष पहले ही 12 जिलों में एटीएस कमांडो सेंटर बनाने की घोषणा की थी, जो वर्तमान में कार्यशील हैं। मौजूदा समय में यूपी में एटीएस की कुल 18 यूनिट्स हैं, और सरकार का उद्देश्य एटीएस के विस्तार के साथ-साथ संवेदनशील जिलों में इनकी मौजूदगी को और बढ़ाना है। सरकार का मानना है कि इन यूनिट्स से राज्य की सुरक्षा को मजबूती मिलेगी और आतंकी गतिविधियों की रोकथाम में मदद मिलेगी।
यूपी एटीएस को आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस किया जा रहा है, जिसमें स्नाइपर राइफलें, रडार सिस्टम, ड्रोन कैमरे, और नाइट वेपन साइट शामिल हैं। ये अत्याधुनिक उपकरण एटीएस की क्षमता को और बढ़ाएंगे और किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा सकेगी।
नेपाल सीमा पर स्थित होने के कारण इन जिलों में सुरक्षा की आवश्यकता और भी अधिक है। सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों का खतरा बना रहता है और कई बार ये इलाक़े अवैध गतिविधियों का केंद्र भी बन जाते हैं। नए एटीएस यूनिट्स से इन क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाई जा सकेगी और आतंकवादियों के स्लीपिंग मॉड्यूल्स पर भी शिकंजा कसा जा सकेगा।
वर्तमान में, यूपी एटीएस के कमांडो सेंटर श्रावस्ती, बहराइच, मेरठ, अलीगढ़, ग्रेटर नोएडा, आजमगढ़, कानपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, और देवबंद में स्थापित हैं। अब पीलीभीत, खीरी, सिद्धार्थनगर, मिर्जापुर, और मुरादाबाद में एटीएस यूनिट्स की स्थापना से यह नेटवर्क और भी मजबूत होगा। प्रदेश के सीमा क्षेत्रों में एटीएस की ये नई यूनिट्स राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करेंगी और आतंकी खतरे को कम करने में अहम भूमिका निभाएंगी।
यूपी सरकार द्वारा इन एटीएस यूनिट्स का विस्तार इस बात का संकेत है कि राज्य सरकार सुरक्षा व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि भविष्य में किसी भी प्रकार के आतंकी हमले की साजिश को नाकाम किया जाएगा। इस नए सुरक्षा मॉडल से राज्य में न केवल जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी, बल्कि कानून-व्यवस्था में भी सुधार आएगा।