बिहार सरकार ने गांधी जयंती के मौके पर सोमवार को राज्य में निवास करने वालों के जातिगत आंकड़े जारी कर दिए वहीं आर्थिक और सामाजिक रिपोर्ट बाद में जारी की जाएगी।
इसके अनुसार राज्य की कुल आबादी में ओबीसी और ईबीसी की हिस्सेदारी 63 प्रतिशत है।
बिहार के विकास आयुक्त विवेक सिंह द्वारा यहां जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ से कुछ अधिक है, जिसमें से अत्यंत पिछड़ा वर्ग (36 प्रतिशत) सबसे बड़ा सामाजिक वर्ग है, इसके बाद अन्य पिछड़ा वर्ग (27.13 प्रतिशत) है।
सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि ओबीसी समूह में शामिल यादव समुदाय, जिससे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव संबंधित हैं, जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़ा सुमदाय है, जो प्रदेश की कुल आबादी का 14.27 प्रतिशत है।
लालू प्रसाद और नीतीश दोनों ने ‘इंडिया’ गठबंधन के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसने हाल ही में बेंगलुरू में आयोजित एक बैठक में जाति जनगणना कराने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई थी।
बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने राज्य में जाति आधारित गणना का आदेश पिछले साल तब दिया था, जब केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह आम जनगणना के हिस्से के रूप में एससी और एसटी के अलावा अन्य जातियों की गिनती नहीं कर पाएगी।