कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे के आवास पर आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में विपक्षी एकता को लेकर बैठक हुई। नीतीश कुमार अपने साथ बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और राज्यसभा सांसद मनोज झा जैसे नेताओं को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष के घर पहुंचे और लंबी बातचीत हुई। इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मौजूद थे। मीटिंग के बाद नीतीश कुमार ने कहा हमारा अभियान बड़ा है और जल्द ही हम लोगों से जुड़ने का एक व्यापक प्रयास करेंगे। नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग मिलकर अधिक से अधिक पार्टियों को एकजुट करने का प्रयास करेंगे। आज हमारी मीटिंग में इसी बिंदु पर लंबी बात हुई है और हम सब विपक्षी एकता को लेकर एकमत हैं।
इसे लेकर राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष को एकजुट करने में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। यह एक प्रोसेस है, विपक्ष का देश के लिए जो विजन है, हम उसे विकसित करेंगे। जितनी भी विपक्षी पार्टी हमारे साथ चलेंगे हम उन्हें अपने साथ लेकर चलेंगे। देश और लोकतंत्र पर भाजपा सरकार जो आक्रमण कर रही है, उसके खिलाफ हम एक साथ आवाज उठाएंगे, खड़े होंगे और लड़ेंगे। राहुल गांधी के इस बयान से यह पता चलता है कि नीतीश कुमार को उन्होंने विपक्ष को एकजुट करने की बड़ी जिम्मेदारी दी है, और आगे उन्हें यूपीए का संयोजक भी बना सकते हैं |
नीतीश कुमार ने कहा हमने इस मुद्दे पर काफी देर चर्चा की। हर एक बिंदु पर मीटिंग में मौजूद प्रत्येक महानुभाव से उनकी राय मांगी गई। सब ने बिना कोई भी हिचक अपनी राय दी और जिसके मन में जो भी सवाल था, उस पर सबने अच्छे से चर्चा किया और अंत में निष्कर्ष यह निकला कि हम लोग एक साथ आएंगे और आगामी लोकसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ेंगे, देश से सांप्रदायिक शक्तियों को भगायेंगे|
ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि जिस नीतीश कुमार कि बिहार में अब बुनियाद हिल चुकी है, जिनको हर चुनाव में किसी न किसी बैसाखी की जरूरत होती है। वो नीतीश कुमार 2024 से पहले विपक्ष को कितना एकजुट कर पाते हैं और मोदी सरकार के सामने क्या चुनौती पेश कर पाते हैं?