भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। इधर विपक्ष के दल भी अपने कील-कांटे दुरुस्त कर रहे हैं। भाजपा को मात देने के लिए पटना में 12 जून को विपक्ष की बैठक होगी। इस बैठक की अध्यक्षता नीतीश कुमार करेंगे। ममता बनर्जी भी इस बैठक के लिए तैयार हो गईं हैं। सीएम ममता बनर्जी पहले ही नीतीश कुमार के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा चुकी हैं। उन्होंने कुछ दिन पहले कहा था कि जिस क्षेत्र या राज्य में जो पार्टी सबसे मजबूत है, उन्हें ही आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष की अगुवाई करते हुए चुनाव लड़ना चाहिए। जदयू नेता मंजीत सिंह ने पटना में कहाकि 12 जून को नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में विपक्षी दलों की एक मजबूत बैठक होगी जिससे पूरे देश में एक संदेश जाएगा। बिहार से ही देश में परिवर्तन की शुरुआत होगी।

18 दल इस बैठक में हो सकते हैं शामिल

अभी तक नए संसद के उद्घाटन का शोर मचा हुआ था। अब सियासी गलियारे विपक्षी एकता की बैठक की चर्चा से गरम हो गया है। राजधानी पटना में 12 जून को विपक्षी दलों की बैठक होगी। जदयू नेता मंजीत सिंह ने बताया कि 12 जून को यह बैठक होगी। इस बैठक में भाजपा विरोधी पार्टियां शामिल होंगी। बताया जा रहा है कि, 18 दल इस बैठक में शामिल होकर लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों को लेकर रणनीति बनाएंगे।

भाजपा से नाता तोड़कर और अगस्त 2022 में राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और अन्य दलों के साथ एक नया गठबंधन बनाने के तुरंत बाद ही नीतीश कुमार विपक्षी एकता के प्रयासों में जुट गए थे। वह न सिर्फ कांग्रेस को इस मिशन में साथ लाने में कामयाब दिखाई दे रहे हैं बल्कि ममता बनर्जी अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव जैसे प्रमुख क्षेत्रीय क्षत्रप को जोड़ने में कामयाब हो गए हैं। खास बात ये है कि ये वही नेता है जो पहले कांग्रेस को लेकर आक्रामक रहे हैं।

पश्चिमी बंगाल की सीएम व टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी पहले ही नीतीश कुमार के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा चुकी हैं। ममता बनर्जी ने कुछ दिन पहले कहा था कि जिस क्षेत्र या राज्य में जो पार्टी सबसे मजबूत है, उन्हें ही आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष की अगुवाई करते हुए चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने तो 200 सीटों पर कांग्रेस को भी समर्थन देने की बात कही थी।

नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के विरोध में कांग्रेस सहित 20 दलों का गठबंधन विपक्षी दलों की एकता की गवाही दे रहा है। विपक्षी पार्टियों ने भाजपा सरकार पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश की प्रथम नागरिक के रूप में, उन्हें ही उद्घाटन समारोह का नेतृत्व करने देना चाहिए था।

कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे लेकर एक ट्वीट किया था और कहा था कि वह (राष्ट्रपति) अकेले ही सरकार, विपक्ष और हर नागरिक का समान रूप से प्रतिनिधित्व करती हैं। वह भारत की पहली नागरिक हैं। उनके द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा।

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