लखीसराय जिले के गोवर्धन बीघा गांव के 19 वर्षीय मिथिलेश कुमार का एक नया ख्वाब सामने आया है। पहले उसने दो लाख रुपये देकर फर्जी IPS बनने की कोशिश की थी, लेकिन अब उसने डॉक्टर बनने की इच्छा जताई है। हाल ही में एक इंटरव्यू में मिथिलेश ने कहा, “अब मैं पुलिस वाला नहीं बनूंगा, मैं डॉक्टर बनूंगा।” जब उससे पूछा गया कि डॉक्टर बनकर वह क्या करेगा, तो उसने उत्साह से जवाब दिया, “सबको बचाएंगे।”मिथिलेश का मामला तब सुर्खियों में आया जब उसे फर्जी IPS अधिकारी के रूप में गिरफ्तार किया गया। उसने बताया कि उसे खैरा इलाके के मनोज सिंह नामक व्यक्ति ने पुलिस में नौकरी का झांसा दिया था। इस नौकरी के लिए मनोज ने उससे 2 लाख 30 हजार रुपये की मांग की। मिथिलेश ने अपने मामा से पैसे लेकर मनोज को दिए, ताकि वह पुलिस में भर्ती हो सके। मनोज ने मिथिलेश को IPS की वर्दी, बैच और एक नकली पिस्तौल देकर बताया कि उसकी नौकरी हो गई है। मिथिलेश खुशी-खुशी वर्दी पहनकर घर से निकला, लेकिन सिकंदरा चौक पर पुलिस ने उसे पकड़ लिया।

पुलिस के अनुसार, मिथिलेश और मनोज सिंह को एक सब इंस्पेक्टर के लिखित आवेदन पर आरोपी बनाया गया। डीएसपी सतीश सुमन ने बताया कि इस मामले में मिथिलेश को जेल नहीं भेजा गया, बल्कि उसे बॉंड भरवाकर छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और जो लोग भी इसमें शामिल हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

फर्जी IPS बनने की कोशिश के बाद, मिथिलेश ने अब डॉक्टर बनने का ख्वाब देखा है। वह चाहता है कि वह अपनी पढ़ाई को गंभीरता से ले और अपने नए लक्ष्य को हासिल करने के लिए मेहनत करे। मिथिलेश का यह बदलाव यह दर्शाता है कि कभी-कभी गलत रास्ते पर चलने के बाद भी लोग सही दिशा में लौट सकते हैं। इस घटना से यह भी संदेश मिलता है कि शिक्षा और सही मार्गदर्शन से हर युवा अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। मिथिलेश अब अपनी गलतियों से सीखकर आगे बढ़ने का इरादा रखता है।

 

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