अमेठी का चर्चित सारस और आरिफ की दोस्ती सोशल मीडिया पर छाई रहती थी लेकिन अब अपने दोस्त से बिछड़ने के बाद सारस डिप्रेशन में हैं। हाल ही में कानपुर के चिड़ियाघर लाया गया। जहां उसने करीब 40 घंटे तक कुछ नहीं खाया। हालांकि बाद में उसने उबले हुए आलू, मक्के और छोटी मछली खाया। सारस की निष्क्रियता और खाना ना खाने की वजह से चिड़ियाघर के अधिकारी भी परेशान हैं।

कानपुर चिड़ियाघर लाए जाने के बाद सारस को 2 किलो छोटी मछलियां खाने को दिया गया था लेकिन उसने खाने से मना कर दिया। चिड़ियाघर के एक अधिकारी ने बताया कि उसे एक अलग बाड़े में रखा गया है। सारस 40 घंटे से ना कुछ खाया और ना ही कोई एक्टिविटी दिखाई थी। वह केवल अपने पिंजरे के ही चारों तरफ घूमता रहा। हालांकि रविवार देर शाम सारस ने मछलियों का डिनर किया और सोमवार सुबह उबले आलू और मकई खाए।

चिड़ियाघर के निदेशक केके सिंह ने बताया कि, तीन डॉक्टरों की एक टीम  जिसमें मुख्य पशु चिकित्सक अनुराग सिंह, डॉ नासिर और डॉ नितेश कटियार सारस का इलाज कर रहे हैं। 15 दिनों तक उसके व्यवहार पर नजर रखी जाएगी। इसके बाद उसके व्यवहार के आधार पर यह तय किया जाएगा कि सारस को किस बाड़े में रखा जाए जहां लोग पक्षी को देख सकें।

सारस के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए डॉक्टरों ने एक स्पेशल डायट चार्ट तैयार किया है, जिसमें हर दिन चावल, दाल और उबले हुए आलू शामिल हैं। इसके अलावा सारस को मछलियों के साथ-साथ विशेष दाना भी दिया जाएगा जिसमें मसूर और बीज होंगे।

सोमवार दोपहर सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने चिड़ियाघर पहुंचकर निदेशक केके सिंह को दाल और सारस का चारा सौंपा। उन्होंने कहा कि सारस और आरिफ को सजा दी जा रही है। जिससे उसकी भूख खत्म हो गई है। यहां तक कि विधायक ने अधिकारियों से आरिफ और अखिलेश यावद वाली तस्वीर सारस के बाड़े में लगाने को भी कहा जिससे उसका उत्साह बढ़ाया जा सके।

सारस और आरिफ के बीच के अनोखे बंधन ने खूब सुर्खियां बटोरीं। एक साल पहले अमेठी के रहने वाले आरिफ को बेहोश और घायल हालत में सारस मिला था। आरिफ ने सारस का इलाज कराया। ठीक होने के बाद सारस आरिफ का दोस्त बन गया। वह हर जगह आरिफ का पीछा करती। हालांकि, जैसे ही पक्षी और आरिफ का वीडियो वायरल हुआ, वन अधिकारी अमेठी वहां पहुंच गए और उसे अपने साथ ले गए।

वन अधिकारियों के मुताबिक आरिफ को पक्षी मिलने के बाद स्थानीय वन अधिकारियों को सूचित करना चाहिए था। आरिफ को 1972 के वन्यजीव अधिनियम (संशोधित) के कथित उल्लंघन के लिए नोटिस भी दिया गया है। एक साल से पक्षी की देखभाल कर रहे आरिफ को भी अधिकारियों ने 2 अप्रैल को गौरीगंज स्थित सहायक वन संरक्षक के कार्यालय में अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया है। इस मामले में आरिफ ने कहा कि सारस को बचाने के लिए उन पर कानूनी कार्रवाई नहीं करना चाहिए। उन्होंने सारस को जंजीरों से नहीं बांधा था। वह अपने मन से साथ रहता था।

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