मुजफ्फरनगर में जमीयत उलेमा ने बैठक कर मुस्लिम महिलाओं को आगाह किया कि वह दूसरे धर्म वालों के साथ ब्याज पर रुपयों का लेनदेन न करें। लोगों को जागरुक करने के लिए जमीयत ने 3 माह तक कार्यक्रम चलाने का आह्वान किया है। शहर में जरूरतमंद लोगों की सूची तैयार कर जकात के माध्यम से धनवान लोगों से उनकी मदद कराई जाएगी।

मंगलवार को जमीयत उल्मा शहर मुज्जफरनगर की एक अहम बैठक जामिया नगर में हुई। जिसकी अध्यक्षता शहर सदर हाफिज इकराम और संचालन शहर सेक्रेटरी कारी आदिल ने किया। मुख्य अतिथि जिलाध्यक्ष मुफ्ति बिन्यामिन और प्रदेश सेक्रेटरी कारी ज़ाकिर हुसैन क़ासमी रहे। कारी ज़ाकिर हुसैन ने बताया कि जमीयत के संगठन विस्तार और समाज सुधार कार्यक्रमों के लिए रूपरेखा तैयार की गई है।

शहर में तीन सदस्य कमेटी बनाई गई है (जिसमें हाफिज इकराम, मौलाना गुलज़ार और मुफ्ति अब्दुल कय्यूम शामिल हैं) जो हर महीने शहर में पांच मकतब स्थापित करेगी। जहां तमाम स्कूली बच्चों को दीनी तालीम से जोड़ा जाएगा। साथ ही समाज सुधार कार्यक्रमों में ब्याज के लेनदेन से समाज को बचाने पर लगातार तीन महीने तक जमीयत के जिम्मेदार लोगों को जागरूक करेंगे।

खासतौर से इस बात पर बल दिया जायेगा कि मुस्लिम महिलाएं किसी दूसरे धर्म के लोगों से ब्याज पर रुपयों का लेनदेन न करें। जमीयत कार्यकर्ताओं से ऐसे परिवारों की सूची बनाने को कहा गया है जो वास्तविक रूप से गरीब हैं। जिससे निकट भविष्य में शहर के बड़े अमीरों को उनकी जकात के जरिए ऐसे परिवारों की सहायता की जिम्मेदारी दी जा सके।

कारी ज़ाकिर हुसैन क़ासमी ने बताया कि जमीयत की लोकल यूनिट्स और वार्ड स्तर तक की कमेटियां गठित करने की योजना पर कार्य चल रहा है। मुफ्ति मोहम्मद इकबाल, मौलाना अरशद कारी अब्दुल माजिद, मुफ्ति आदिल, मौलाना इसरार, मौलाना गुलज़ार, हाजी वसीम आलम, कारी मोहम्मद उस्मान, मुफ्ति अब्दुल कय्यूम मुफ्ति मोहम्मद फाजिल, मुफ्ति मोहम्मद जावेद शरीक हुए।

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