राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने कहा कि वह बिहार के दफादार चौकीदार पासवान समाज के अधिकार की रक्षा के लिए सड़क पर उतरकर संघर्ष करेंगे।
रालोजपा पार्टी कार्यालय पटना में शुक्रवार को संविधान के रचियता भारत-रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर का महापरिनिर्वान दिवस रालोजपा एवं दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की उपस्थिति में पार्टी एवं दलित सेना के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के द्वारा मनाया गया। इस अवसर पर पशुपति पारस ने कहा कि हमारे पार्टी के संस्थापक मेरे बड़े भाई रामविलास पासवान जब 1989 में पहली बार विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने तो उनके ही प्रयास से अम्बेडकर साहेब को भारत-रत्न से सम्मानित किया गया और हमारे नेता मेरे बड़े भाई रामविलास पासवान ने ही अम्बेडकर साहेब के जन्म दिवस 14 अप्रैल के दिन को सार्वजनिक छूट्टी की घोषणा वी.पी. सिंह की सरकार में ही कराई।
पारस ने बिहार के दफादार और चौकीदार के मुद्दे और उनके सभी मांगों को मुखरता से उठाते हुए कहा कि अंग्रेजों के समय से ही समाज की रक्षा एवं चौकीदारी करना दफादार और चौकीदारों का काम रहा है और उसी समय से देश में दफादार और चौकीदार पूरी इमानदारी और निष्ठा से अपनी सेवा का निर्वाहन जिसमें अधिकतर और अधिकांश पासवान समाज के लोगों ही इस सेवा में दी जाती रही है। जब जगन्नाथ मिश्रा बिहार के मुख्यमंत्री हुए तो उनके ही कार्यकाल में बिहार के दफादार और चौकीदार समाज को चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी का दर्जा मिला।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा ,बिहार सहित पूरे देश में इस सेवा में 90 प्रतिशत पासवान समाज की बहाली होती रही है और अभी भी इस सेवा में पासवान समाज के ही लोग अधिकांश रूप में कार्यरत है लेकिन बिहार सरकार पासवान समाज के लोगों को उनके इस सेवा और मौलिक अधिकार से वंचित कर इस दफादार और चौकीदार के पद को समान्य बहाली करना चाह रही है जो पूर्णत: अनुचित है और कही से भी सही नहीं है राज्य सरकार के इस मंशा का हमारी पार्टी और दलित सेना पुरजोर विरोध करती है।