तिरुपति लड्डू मामले में उत्तराखंड के खाद्य संरक्षा विभाग और आंध्र प्रदेश से आई टीमों ने भगवानपुर की भोले बाबा डेयरी का निरीक्षण किया। इसके बाद विभाग ने केंद्र सरकार को मामले में रिपोर्ट भेज डेयरी का लाइसेंस निरस्त करने की सिफारिश की है। तिरुपति मंदिर के लड्डू मामले में पता चला था कि प्रसाद में इस्तेमाल घी भगवानपुर स्थित डेयरी से सप्लाई हुआ था। इससे पूरे राज्य में हड़कंप मचा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव और खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने रविवार को विभागीय अफसरों को डेयरी की जांच के निर्देश दिए थे।
तिरुपति के लड्डुओं में रुड़की की फैक्ट्री से घी सप्लाई होने का मामला सामने आते ही रविवार को फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की टीम ने भगवानपुर पहुंच डेयरी के दस्तावेज देखे। पता चला कि यह डेयरी भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के केंद्रीय लाइसेंस के तहत संचालित हो रही है। यहां शुरुआती निरीक्षण में सामने आया कि बीते कुछ समय से डेयरी में कुछ काम नहीं हो रहा था। डेयरी संचालक भी मौके पर नहीं मिले। विभाग के संयुक्त आयुक्त डॉ.आरके सिंह के मुताबिक डेयरी का लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की गई है।
संयुक्त आयुक्त डॉ.आरके सिंह के मुताबिक केंद्रीय लाइसेंस के आधार पर उत्तराखंड में संचालित फूड फैक्ट्रियों और डेयरियों को जांचने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है। ऐसे में केंद्रीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण से डेयरी की जांच को लिखा है। नियमानुसार डेयरी की जांच के दौरान केंद्रीय टीम का रहना अनिवार्य है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द केंद्रीय टीम के साथ डेयरी से सैंपलिंग कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में अंतिम निर्णय भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण को ही करना है।
तिरुपति के लड्ड़ुओं में प्रयोग किए गए घी में मिलावट का मामला सामने आते ही इस फर्म ने भी काम बंद कर दिया था। तब से ये फर्म बंद चल रही है। यहां काम करने वाले लोग गायब चल रहे हैं। वहां पर फिलहाल किसी तरह की कोई मैन्युफैक्चरिंग नहीं हो रही है। हालांकि 2014 के बाद से कंपनी के अस्तित्व में आने की बात सामने आ रही है। कंपनी एक महीने से मैन्युफैक्चरिंग क्यों रोके हुए हैं इस दिशा में भी जांच जारी है।