भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने एक ट्वीट में कहा कि सूर्या ने कोई अपराध नहीं किया है। उन्होंने कम्युनिस्टों के दोहरे मानकों को उजागर किया, डीएमके के सहयोगी हैं। उन्होंने कहा, बोलने की आजादी को कम करने के लिए राज्य तंत्र का इस्तेमाल करना और जरा सी आलोचना से घबरा जाना लोकतांत्रिक ढंग से चुने गए नेता के लिए शोभा नहीं देता। यह निरंकुश नेता बनने के संकेत हैं
#WATCH तमिलनाडु: भारी सुरक्षा के बीच बीजेपी के राज्य सचिव एस.जी. सूर्या को पुलिस मदुरै जज के क्वार्टर लेकर आई। उन्हें मदुरै के सांसद सु. वेंकटेशन पर उनके हालिया ट्वीट के सिलसिले में कल रात गिरफ्तार किया गया था। pic.twitter.com/zV4GaCqm8r
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 17, 2023
भाजपा तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने ट्वीट किया, निरंकुश लोगों से प्रेरणा लेकर तमिलनाडु मुख्यमंत्री एमके स्टालिन राज्य को जंगल में बदल रहे हैं। अन्नामलाई ने कहा, इन कार्रवाइयों से पार्टी को डर नहीं लगता और हम कड़वा सच बोलते रहेंगे।
तमिलनाडु भाजपा के राज्य सचिव एसजी सूर्या ने 7 जून को एक वीडियो शेयर कर स्टालिन सरकार पर सवाल खड़े किए था। सूर्या ने ट्वीट किया था- ये वे लोग हैं, जो नकली सामान बेचकर निर्दोष लोगों की जान लेते हैं। ये लोग डीएमके मंत्री का नाम लेकर पुलिस अफसरों को धमका रहे हैं। चप्पल से पुलिस अधिकारी की पिटाई कर रहे हैं। क्या तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को इस संबंध में पार्टी के सदस्यों से बात करने के बजाए शहर को उपदेश देने में शर्म नहीं आती? क्या डीएमके ने इनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कोई समिति बनाई है?
The arrest of @BJP4TamilNadu State Secretary Thiru @SuryahSG avl is highly condemnable. His only mistake was to expose the nasty double standards of the communists, allies of DMK.
Using state machinery to curtail free speech & getting jittery for the slightest criticism is…
— K.Annamalai (@annamalai_k) June 17, 2023
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भाजपा नेता की गिरफ्तारी पर ट्वीट कर कहा, ट्वीट या पोस्ट के लिए पुलिस गिऱफ्तारी का उपयोग कानून की उचित प्रक्रिया के अधिकार और बोलने की आजादी का अतिक्रमण है। यूपीए के दौरान राहुल कांग्रेस द्वारा धारा 66 ए का दुरुपयोग करते हुए चुप कराने की यह सामान्य रणनीति थी। हाल ही में उनके राजवंशीय सहयोगियों ने भी ऐसा ही किया। पहले शरद पवार ने किया और अब एमके स्टालिन ने भी यही किया, ताकि यह साबित किया जा सके कि उनका नाम बिना किसी कारण के स्टालिन के नाम पर नहीं रखा गया था।
चंद्रशेखर ने अभिव्यक्ति की आजादी और लोकतंत्र के नाम पर मोदी सरकार पर हमला बोलने वाले विपक्षी राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए यह कहा, अभिव्यक्ति की आजादी के एक्टिविस्ट जो एक झटके में इधर-उधर कूद पड़ते हैं, उन्हें अब चुप नहीं रहना चाहिए या पाखंडी होने का ठप्पा नहीं लगाना चाहिए।