राजा भैया इन दिनों यूपी की सियासत के केंद्र में बने हुए हैं। बीजेपी और सपा ने उन्हें साधने की पूरी कोशिश की। हालांकि उन्होंने किसी भी प्रत्याशी को समर्थन देने से इनकार कर दिया। मालूम हो कि लोकसभा चुनाव 2024 के पहले दो चरण के समय वेस्ट यूपी में ठाकुरों की नाराजगी का मुद्दा गरमाया हुआ था। इस बीच राजा भैया ने ठाकुरों की नाराजगी के मुद्दे पर विस्फोटक बयान दिया है। राजा भैया ने कहा कि क्षत्रिय समाज एक स्वाभिमानी समाज है। इस समाज को अभी तक भाजपा के साथ जोड़कर देखा जाता रहा है। हो सकता है कहीं अपनों से चोट लगी हो…समाज आहात होता है तो सब आहात होते हैं। हम समाज से अलग नहीं हैं।
ऐसे में क्यास लगाए जा रहे है कि क्या राजपूतों से नाराजगी भी राजा भैया की बीजेपी से दूर होने की एक वजह है। एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में राजा भैया से जब ठाकुरों की नाराजगी पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता था। ठाकुरों में नाराजगी थी। हालांकि, अब बहुत कम हो गई है। इसकी चर्चा अब कम हो रही है। बीजेपी के बड़े नेताओं ने इसको कम करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि हमारा सौभाग्य हमारे पास समर्पित कार्यकर्ता, हमारा किसी को समर्थन नहीं, किसी का विरोध नहीं, जनसत्ता दल का किसी से गठबंधन नहीं है।
बता दें कि वेस्ट यूपी, राजस्थान और अवध में क्षत्रिय समाज बीजेपी के विरोध में दिखाई दिया। वेस्ट यूपी में क्षत्रिय समाज ने जसभाएं और बैठक करके बीजेपी का विरोध करने की बात कही। ठाकुरों की नाराजगी को दूर करने लिए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को मोर्चे पर लगाया गया। वेस्ट यूपी की सभी सीटों पर मतदान हो चुका है और अवध में 20 मई को पांचवें चरण में मतदान है।