अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से एटीएस ने आतंकी संगठन ISIS के संदिग्ध आतंकी प्रोफेसर वजीहुद्दीन समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पांचों संदिग्ध आतंकियों को दस दिन की रिमांड मिलने के बाद एटीएस ने उनसे पूछताछ शुरू कर दी है। शुक्रवार को एटीएस की पूछताछ में बड़ा खुलासा सामने आया है। इसमें पता चला है कि स्टूडेंट्स ऑफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी यानी सामू संगठन टेलीग्राम एप पर चल रहा था।
वजीहुद्दीन का सीधा संपर्क सीरिया में बैठे आईएसआईएस के हैंडलर्स से था, जो वह हमेशा टेलीग्राम के जरिए होने वाली बैठकों में शामिल होता था। वजीहुद्दीन देश में शरिया कानून स्थापना की मुहिम चलाता था। वह हॉस्टल में रह रहे छात्रों को धार्मिक दलीलें देकर लोगों को जोड़ता था।
एटीएस की जांच में सामने आया है कि वजीहुद्दीन पुणे माड्यूल के सदस्यों शहनवाज और रिजवान को केमिकल बम बनाकर बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए उकसा रहा था। अब एटीएस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि वजीहुद्दीन और उसके संपर्क में आए कट्टरपंथी युवा सीरिया, पाकिस्तान या अन्य किसी खाड़ी देश में तो नहीं गये थे
वजीहुद्दीन ने ही अब्दुल्ला अर्सलान और माज बिन तारिक को भी जिहादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए तैयार किया था। शनिवार को पांचों से आईबी और एनआईए के अधिकारी भी पूछताछ कर सकते हैं। एटीएस के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पांचों को जल्द अलीगढ़, संभल, रामपुर, प्रयागराज ले जाकर अहम सुराग जुटाए जाएंगे।

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