एएसआई (ASI) द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर  में की जा रही सर्वे को लेकर मीडिया में गलत समाचार प्रसारित और प्रकाशित किए जाने पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने आपत्ति जताते हुए जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। बुधवार को इस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई।

जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विेश की अदालत में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की। दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने इस आवेदन पर आदेश सरक्षित रखते हुए 10 अगस्त की तिथि नियत कर दी।

जिला जज की अदालत में बीते 8 अगस्त को दिए गए आवेदन में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से कहा गया है कि जिस स्थान का अभी सर्वे शुरू भी नहीं हुआ, उस स्थान को लेकर सोशल, प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में गलत एवं तथ्यहीन रिपोर्ट प्रसारित की जा रही है।

जबकि इस मामले में एएसआई की सर्वेक्षण टीम द्वारा कोई भी बयान नहीं दिया जा रहा है। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने तथ्यहीन रिपोर्टिंगग के लिए मीडिया पर रोक लगाने की कोर्ट से अपील की है। अदालत ने इस मामले में अन्य पक्षकारों से आपत्ति तलब करते हुए सुनवाई के लिए नौ अगस्त की तिथि नियत की थी।

अदालत में सुनवाई के दौरान अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से उनके अधिवक्ताओं ने कहा कि अभी जिन स्थानों का सर्वे सर्वेक्षण टीम द्वारा किया ही नही गया वहां की भी रिपोर्टिंगग सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है।

इस पर तत्काल रोक लगाने व मीडिया पर सर्वे की रिपोर्टिंगग करने से प्रतिबंधित किये जाने की मांग की गई। वहीं हिन्दू पक्ष की ओर से इस पर आपत्ति करते हुए कहा गया कि एएसआई इस मामले में कोई भी बयान जारी नहीं कर रही है। मीडिया चौथा स्तम्भ है। ऐसे में उसे कैसे प्रतिबंधित किया जा सकता है।

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