केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की कथित विवादास्पद टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस और इसके नेताओं का दिमाग खराब हो गया है। कर्नाटक में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए खरगे ने बृहस्पतिवार को मोदी की तुलना ‘‘जहरीले सांप” से की थी। इस पर विवाद बढ़ने के बाद खरगे ने कहा कि उनकी टिप्पणी प्रधानमंत्री के लिए नहीं, बल्कि सत्तारूढ़ भाजपा के लिए थी। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए 10 मई को मतदान होगा।
यह उल्लेख करते हुए कि मोदी का दुनिया भर में बहुत सम्मान के साथ स्वागत किया जाता है, शाह ने कहा कि कांग्रेस इस तरह के बयानों से लोगों को भड़का नहीं सकती, क्योंकि प्रधानमंत्री को जितनी गालियां दी जाएंगी, लोगों के दिल में उनके प्रति उतना ही समर्थन बढ़ेगा। शाह ने कहा, “कांग्रेस के पास मुद्दों की कमी है। पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया में भारत का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने भारत को समृद्ध बनाने के लिए काम किया है, उन्होंने भारत के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाया है, उन्होंने भारत की सीमाओं को सुरक्षित बनाया है। मोदी जी जहां भी जाते हैं, दुनिया भर के लोग वहां ‘मोदी-मोदी’ के नारों के साथ उनका स्वागत करते हैं।”
धारवाड़ जिले के नवलगुंद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष खरगे कहते हैं कि हमारे नेता मोदी, जिनका पूरा विश्व सम्मान और स्वागत करता है, एक जहरीले सांप की तरह हैं। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या आप मोदी की तुलना जहरीले सांप से करने वाली कांग्रेस को चुनाव में विजयी बना सकते हैं?” वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, “वही कांग्रेस है जो ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी’ का नारा देती है, सोनिया गांधी ‘मौत का सौदागर’ बताती हैं, प्रियंका गांधी ‘नीची जाति के लोग’ बताती हैं, और वह (खरगे) ‘विषैला सांप’ कहते हैं। कांग्रेस वालो, आपका दिमाग खराब हो गया है। आप मोदी को जितनी भी गाली देंगे, कमल उतना ही खिलेगा।”
उन्होंने कहा कि मोदी को गाली देकर कांग्रेस कर्नाटक के लोगों को नहीं भड़का सकती। शाह ने कहा, ‘‘यदि आप मोदी को गाली देंगे, तो उनके प्रति समर्थन और बढ़ेगा।” यह उल्लेख करते हुए कि भारत के प्रधानमंत्रियों में मोदी एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो एक गरीब परिवार में एक चायवाले के बेटे के रूप में पैदा हुए, शाह ने कहा कि आज उच्च पद संभालने के बाद वह करोड़ों गरीबों की भलाई के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “कांग्रेस हमेशा ‘गरीबी हटाओ’ की बात करती है, लेकिन उसने गरीबों के लिए कुछ नहीं किया।” इस दौरान केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, राज्य के मंत्री शंकर पाटिल मुनेनकोप्पा सहित अन्य नेता उपस्थित थे।
कांग्रेस नेताओं द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराए जाने के बारे में शाह ने कहा, ‘‘उन्होंने यह इसलिए दर्ज कराई क्योंकि मैंने कहा कि हमने पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) पर प्रतिबंध लगा दिया है, हमने कर्नाटक को सुरक्षित बना दिया है। मुझे डर नहीं है, मैं यह एक बार फिर कहूंगा कि भाजपा सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाकर कर्नाटक को सुरक्षित बना दिया है।” उन्होंने कहा, ‘‘अगर आपको (कांग्रेस) कोई आपत्ति है, तो आइए और कर्नाटक के लोगों को बताएं कि पीएफआई को क्यों काम करना जारी रखना चाहिए।
पीएफआई ने हमारे नेता प्रवीण नेतारू और हमारे कई युवाओं को मार डाला, और वह देश को विभाजित करने में लगा हुआ था… वोट बैंक की राजनीति के लिए कांग्रेस ने पीएफआई को अपने सिर पर बैठाया था, लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार ने पीएफआई नेताओं को सलाखों के पीछे डाल दिया।” कांग्रेस नेताओं ने बृहस्पतिवार को शाह के इस कथित बयान को लेकर पुलिस से शिकायत की कि अगर कांग्रेस आगामी चुनाव जीतती है, तो कर्नाटक में ‘‘दंगे होंगे”। कांग्रेस ने दावा किया कि शाह ने यह बात राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव को भंग करने के स्पष्ट इरादे से कही थी।
शाह ने कहा, ‘‘इस चुनाव में एक तरफ राहुल बाबा (राहुल गांधी) के नेतृत्व में कांग्रेस है तो दूसरी तरफ नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा है।” उन्होंने कहा कि यह चुनाव कर्नाटक को आगे ले जाने वाली मोदी के नेतृत्व में ‘‘डबल इंजन” सरकार और राज्य को पीछे ले जाने वाली कांग्रेस की ‘‘पिछले गियर” की सरकार के बीच फैसला करने का है। शाह ने इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न पहलों तथा योजनाओं का उल्लेख किया। राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “कांग्रेस के ‘शहजादे’ गरीबी से छुटकारा नहीं दिला सकते, क्योंकि वे गरीबी के बारे में नहीं जानते।”
यह उल्लेख करते हुए कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण के लिए कोई जगह नहीं है, शाह ने राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे के तहत मुसलमानों के लिए दिए गए चार प्रतिशत आरक्षण को खत्म करने और इसे प्रभावशाली वोक्कालिगा तथा लिंगायत समुदाय के बीच समान रूप से वितरित करने के कर्नाटक सरकार के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा, ‘‘वोट बैंक की राजनीति के लिए कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि वे चार प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण वापस लाएंगे, मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि वे इसके लिए किसका कोटा कम करेंगे, ‘वोक्कालिगा या लिंगायत’ या ‘एससी/एसटी’? भाजपा कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण की वापसी नहीं होने देगी। यह कर्नाटक के लोगों से हमारा वादा है।”