हैदराबाद के प्रतिष्ठित चारमीनार के पास ‘गुलज़ार हाउस’ इमारत में रविवार सुबह संदिग्ध शॉर्ट सर्किट के कारण भीषण आग लग गई, जिसमें एक ही परिवार के 17 सदस्यों की मौत हो गई, जिसमें आठ बच्चे भी शामिल थे। माना जा रहा था कि यह एक खुशनुमा गर्मी की छुट्टी मनाने का आयोजन था, लेकिन कुछ ही मिनटों में इमारत में ज़हरीला धुआँ फैल गया और यह अकल्पनीय त्रासदी में बदल गया।

सुबह भीषण आग लगने से आठ बच्चों समेत 17 लोगों की मौत

हादसे में जान गंवाने वाले सभी लोग सगे संबंधी थे। पुलिस ने बताया कि आग संभवत: शॉट सर्किट के कारण लगी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘अस्पताल ले जाए गए सभी 17 लोगों को मृत घोषित कर दिया गया।’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हैदराबाद में आग लगने की घटना में जानमाल की हानि पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये दिये जाने की घोषणा की।

अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि इस इमारत से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता एक संकरी सीढ़ी थी, लेकिन लोग उस रास्ते से तेजी से बाहर नहीं निकल सके। पुलिस ने बताया कि इमारत के भूतल पर आभूषण की दुकानें थीं और ऊपरी मंजिल पर एक फ्लैट में लोग रह रहे थे। पुलिस ने बताया कि धुआं फैलने से लोगों का दम घुटने लगा।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संवाददाताओं को बताया कि यह परिवार वहां 125 वर्षों से रह रहा है, जिससे यह संकेत मिलता है कि वे पीढ़ियों से वहां रह रहे थे। कहा जाता है कि पीड़ित परिवार शहर की सबसे पुरानी आभूषण दुकानों में से एक का संचालन कर रहा था।

ओवैसी ने कहा, ‘‘अब परिवार के केवल दो सदस्य बचे हैं। मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। मुझे अग्निशमन सेवा महानिदेशक ने बताया कि ज्यादातर मौतें दम घुटने और धुएं के कारण हुईं… रिपोर्ट आने दीजिए, यह बहुत दर्दनाक है।’’ हैदराबाद के पुलिस आयुक्त सी वी आनंद ने बताया कि गुलजार हाउस और आसपास के इलाकों की अधिकतर इमारतें 100 से 200 साल पुरानी हैं। तेलंगाना राज्य आपदा प्रतिक्रिया और अग्निशमन सेवा के महानिदेशक वाई नागी रेड्डी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।

उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि आग सुबह छह से सवा छह बजे के बीच देखी गई। रेड्डी ने बताया कि सुबह छह बजकर 16 मिनट पर अग्निशमन विभाग को सूचना मिली और दमकल गाड़ी जल्द ही वहां पहुंच गई। उन्होंने बताया कि भूतल पर दुकानें थीं, जबकि इमारत के प्रथम और द्वितीय तल पर आवासीय परिसर था। रेड्डी ने कहा, “प्रथम दृष्टया आग लगने का कारण शॉपिंग क्षेत्र में बिजली की मुख्य आपूर्ति में शॉर्ट सर्किट होना प्रतीत होता है।’’

उन्होंने कहा कि आग लगने के समय इमारत में कुल 21 लोग थे, जिनमें से अग्निशमन विभाग द्वारा 17 को अचेत अवस्था में अस्पताल पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि इमारत से बाहर निकलने का सिर्फ एक ही रास्ता था जो एक सीढ़ी थी और ये काफी संकरी थी, इसी कारण वहां मौजूद लोग सुरक्षित बाहर नहीं निकल पाए। रेड्डी ने कहा कि बचाव अभियान के दौरान एक अग्निशमन अधिकारी भी घायल हो गया, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तेलंगाना अग्निशमन विभाग ने एक बयान में बताया कि आग भूतल पर लगी और ऊपरी मंजिलों तक फैल गई।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘तेलंगाना के हैदराबाद में आग लगने की घटना में लोगों की मौत होने से बहुत दुखी हूं। प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे।’’

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने घटना पर शोक व्यक्त किया और वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया कि इमारत में फंसे लोगों को बचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, रेड्डी ने गुलजार हाउस में हुई भीषण आग दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्निशमन विभाग की त्वरित प्रतिक्रिया के कारण बड़ी जनहानि टल गई। अग्निशमन विभाग के अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे लगभग चार लोगों की जान बचाने में सफल रहे।

उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्क ने संवाददाताओं को बताया कि राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की। परिवहन एवं हैदराबाद जिले के प्रभारी मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने घटनास्थल का दौरा किया और संवाददाताओं को बताया था कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। उन्होंने बताया कि इमारत में एक-दूसरे से संबंधित चार परिवार रह रहे थे और उनमें से कई अपनी छुट्टियां बिताने आए थे। गुलजार हाउस इलाके में चूड़ियों का कारोबार करने वाले और आग की घटना के प्रत्यक्षदर्शी जाहिद ने संवाददाताओं को बताया कि सुबह करीब 6:10 बजे जब वह अपने दोस्तों के साथ वहां से गुजर रहे थे, तो एक महिला ने उन्हें बताया कि इमारत में आग लग गई है और अंदर परिवार के सदस्य और बच्चे मौजूद थे। उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि इमारत का मुख्य द्वार आग की चपेट में था, इसलिए हमने शटर और दीवार तोड़ दी और अंदर घुस गए। आग की लपटें तेज होने के बीच हम पहली मंजिल पर गए। हमने एक कमरे में सात लोगों और दूसरे कमरे में छह लोगों को पाया। आग के कारण हम उन्हें बचा नहीं पाए। अगर हम उन्हें बचा लेते तो अच्छा होता।’’ जाहिद ने बताया कि उन्होंने देखा की महिला अपने बच्चे को गले लगाए हुए है जबकि दोनों की मौत हो चुकी है। पुलिस ने बताया कि इस संबंध में एक मामला दर्ज कर लिया गया है। केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने भी घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें बताया गया है कि दमकल गाड़िया मौके पर देरी से पहुंचीं। अग्निशमन सेवा के महानिदेशक नागी रेड्डी ने इस आरोप को खारिज कर दिया।

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