बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीवान और सारण जिले में हुए जहरीली शराब कांड की उच्चस्तरीय समीक्षा की। समीक्षा के बाद सीएम ने मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव को मौके पर जाकर पूरी स्थिति की जानकारी लेने और सभी बिंदुओं पर गहन जांच करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि पूरे घटनाक्रम की अपने स्तर से लगातार मॉनीटरिंग करते रहें और इस घटना के लिये जो भी दोषी हों उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों से अपील करते हुये कहा कि शराब पीना बुरी बात है, यह लोगों को समझना चाहिये। शराब पीने से न सिर्फ स्वास्थ्य खराब होता है बल्कि परिवार और समाज में अशांति का माहौल भी उत्पन्न होता है। राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू है। इसका सभी लोग पालन कर रहे हैं। कुछ असमाजिक तत्व समाज में अशांति पैदा करना चाहते हैं, उनसे लोग सतर्क रहें। एसपी अमितेश कुमार के मुताबिक, बिहार के सीवान में जहरीली शराब पीने से 20 लोगों की मौत हो गई।
छपरा पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष के मुताबिक विशेष जांच टीम का गठन कर दिया गया है. आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही स्थानीय चौकीदार और पंचायत बीट पुलिस अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया है. विभागीय कार्रवाई के तहत मसरक थाना के प्रभारी एवं मसरक अंचल एएलटीएफ प्रभारी से स्पष्टीकरण की मांग की गयी है। जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने बताया कि भगवानपुर थानेदार और भगवानपुर थाने के मद्यनिषेध एएसआई के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने इसको लेकर कहा कि शराबबंदी सिर्फ कागजों पर है। अवैध शराब के कारण 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनों लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी घटना हो गई लेकिन सीएम ने अब तक पीड़ितों के प्रति संवेदना नहीं जताई। लोग मरे नहीं हैं, उनकी हत्या की गई है। किसी भी वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह बनाने की जरूरत है।