लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में भारतीय जनता पार्टी संगठन को ऊपर से नीचे तक दुरुस्त करने में लगी है। पर्यवेक्षक की रिपोर्ट के आधार पर रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा। भाजपा के प्रदेश टीम और क्षेत्रीय अध्यक्ष के ऐलान के बाद अब क्षेत्रीय संगठन व जिला अध्यक्षों के बदलाव की चर्चा की जा रही है। बहुत जल्द तीन दर्जन से अधिक जिला व महानगर अध्यक्षों का बदला जाना तय है।

बता दें कि, 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा तैयारियों में जुट हुई है। मिशन 2024 के लिए सत्ताधारी पार्टी में राजनीतिक बैठकों और रणनीतियों पर चर्चाएं हो रही है। बीजेपी 2024 लोकसभा चुनाव के लिए कोई भी गलती करने के मूड में नहीं है। इसी के लिए पार्टी  संगठन को ऊपर से नीचे तक दुरुस्त करने में लगी है। वहीं, सभी जिलों में प्रदेश से पर्यवेक्षक भेजे जाएंगे। इन पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर ख़राब छवि वाले निष्क्रिय विधान परिषद सदस्य बन चुके जिला अध्यक्ष बदले जाएंगे।

बूथ सशक्तिकरण के नाम पर प्रदेश भर में बूथों का पुनर्गठन किया जा रहा है। एक और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी की टीम में बदलाव हुआ। जिसके बाद जिला अध्यक्षों में बदलाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है। कुल 98 जिला अध्यक्ष में से 40 के आस पास जिला अध्यक्ष का बदला जाना तय किया गया है।

दरअसल, लोकसभा चुनाव के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश की सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण राज्य है। यहां से सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीट आती इसलिए राजनीति में कहावत भी है कि यूपी से ही दिल्ली का सफर तय होता है. यानी कि जिस पार्टी के पास यूपी में सबसे अधिक सीटें हों उसका रास्ता प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने के लिए खुद बन जाता है। इसलिए भाजपा मिशन 2024 के तहत यूपी की 80 सीटों पर जीत पाना चाहती है।

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