इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चित्रकूट जिले के थाना कोतवाली कर्वी में मऊ से विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में जमानत देने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति समित गोपाल ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए बुधवार को कहा कि इस मामले के तथ्यों और अन्य संबंधित तथ्यों जैसे मौजूदा मामले में जांच अब भी लंबित है और इसी मामले में याचिकाकर्ता छह सितंबर, 2024 से जेल में निरुद्ध है, पर विचार करने के बाद हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं बनता।
इस मामले में अब्बास अंसारी, नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खान और शाहबाज आलम खान के खिलाफ 31 अगस्त, 2024 को थाना कोतवाली कर्वी, जिला चित्रकूट में गैंगस्टर कानून और असामाजिक गतिविधियां (निषेध) अधिनियम, 1986 के तहत मामला दर्ज किया गया था। जिसमें आरोप लगाया गया है कि इन आरोपियों ने वित्तीय और अन्य लाभों के लिए एक गिरोह बनाया है।
प्राथमिकी में यह आरोप भी लगाया गया है कि इन अभियुक्तों ने लोगों को डराकर रखा और फिरौती की मांग करते और लोगों को मारते पीटते जिसकी वजह से संबंधित थाना क्षेत्र में भय और आतंक का माहौल है।
पुलिस द्वारा 28 अगस्त, 2024 को गैंग चार्ट तैयार किया गया जिसे 29 अगस्त, 2024 को चित्रकूट के जिलाधिकारीद्वारा मंजूरी प्रदान की गई जिसमें दर्शाया गया कि याचिकाकर्ता गिरोह का सरगना है, जबकि अन्य चार आरोपी गिरोह के सदस्य हैं जो अपराध में शामिल रहे हैं।