अतीक और अशरफ के मारे जाने के बाद सबसे ज्यादा चर्चा गुड्डू मुस्लिम की है। दरअसल अशरफ के जो आखिरी शब्द ‘गुड्डू मुस्लिम’ था। वह गुड्डू मुस्लिम के बारे में क्या बताना चाहता था, यह राज अब हमेशा हमेशा के लिए दफ्न हो गया, लेकिन चर्चा है कि गुड्डू ने अतीक को अंतिम समय में धोखा दिया।

चर्चा है कि अशरफ यही बात कहना चाहता था, उससे ठीक पहले उसे गोली मार दी गई। गुड्डू की सूचना पर एसटीएफ ने असद और गुलाम को मार गिराया था? जिस दिन असद और गुलाम का एनकाउंटर हुआ, उसी दिन से अफवाह उड़ रही है कि पुलिस ने गुड्डू मुस्लिम को पकड़ लिया।

उसके कभी झांसी, कभी अजमेर और कभी नासिक में होने की बात कही गई। गुड्डू मुस्लिम के डबल क्रास करने की अफवाह उस दिन से उड़ी जिस दिन अतीक और अशरफ की हत्या हुई थी। काल्विन अस्पताल में 15 अप्रैल की रात मीडियाकर्मियों ने अतीक और अशरफ से पूछा था कि वे असद के जनाजे में क्यों नहीं गए।

अतीक ने उत्तर दिया कि ‘नहीं जाने दिया गया नहीं गए’। इसके ठीक बाद अशरफ बोला कि ‘बात यह है कि गुड्डू मुस्लिम’। इस शब्द के बाद ही पहले अतीक के सिर में गोली मारी गई फिर अशरफ के सिर में गोली मार दी गई।

उसका वाक्य पूरा नहीं हो पाया। इस आखिरी शब्द की पूरे प्रदेश में चर्चा है। मीडियाकर्मी जब असद के जनाजे में जाने की बात कर रहे थे तो अशरफ ने गुड्डू मुस्लिम का नाम क्यों लिया।
वह जो भी बताना चाहता था, वह राज अब हमेशा के लिए राज ही रहेगा लेकिन गुड्डू के बारे में तरह तरह की अफवाहें तैर रही हैं। सूत्र बताते हैं कि अशरफ ने एसटीएफ से कहा था कि असद और गुलाम के अलावा गुड्डू मुस्लिम, अरमान और साबिर को सौंप देगा।
इस बात की खबर लगते ही गुड्डू मुस्लिम ने एसटीएफ से संपर्क किया। बताया जाता है कि गुड्डू उस वक्त झांसी एक ठेकेदार के घर ठहरा हुआ था। उसी की सूचना पर एसटीएफ वहां पहुंची और असद व गुलाम का एनकाउंटर कर दिया गया।
इसी दिन अफवाह फैली कि एसटीएफ ने गुड्डू को अजमेर में घेर लिया है। इसके बाद उसके महाराष्ट्र में होने की बात कही गई। यह बताया गया कि नासिक में गुड्डू को पकड़ लिया गया है।
तमाम चैनलों पर यह खबर चलने लगी लेकिन यह बात भी अफवाह ही साबित हुई। गुड्डू मुस्लिम के डबल क्रास करने की बात की भी कहीं से पुष्टि नहीं है लेकिन जिले में इस बात की काफी चर्चा है।
आपको बता दें कि प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और अशरफ की शनिवार की रात में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रात साढ़े 10 बजे के बाद अतीक और अशरफ को उस वक्त गोली मारी गई जब वो दोनों मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लाया गए थे। मीडियाकर्मी बनकर आए तीन हमलावरों ने दनादन गोलियां बरसाईं। एक पुलिसकर्मी और एक पत्रकार भी इस घटना में घायल हुआ था।

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