पंजाब में होशियारपुर पुलिस ने 18 मार्च से फरार ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुखअमृतपाल सिंह की कथित तौर पर मदद करने के आरोप में एक वकील समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। हालांकि वह एक बार फिर चकमा देने में कामयबा रहा। उधर, पकड़े गए लोगों में से दो कथित तौर पर जालंधर जिले के हैं और एक होशियारपुर के बाबक गांव का रहने वाला बताया जा रहा है। इनमें से एक वकील है। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने उनकी गिरफ्तारी पर अभी चुप्पी साधी हुई है। बताया जा रहा है कि तीनों अभी सीआईए की हिरासत में हैं।

अमृतपाल सिंह और उसका सहयोगी पापलप्रीत सिंह 28 मार्च की रात मरनइयां गांव से फरार हो गये थे। इससे पहले 10 अप्रैल को राजपुर भैया गांव के दो भाइयों को इस संदेह में गिरफ्तार किया गया था कि उन्होंने भगोड़ों को शरण दी थी। वे पुलिस रिमांड में हैं।

पापलप्रीत सिंह को पिछले हफ्ते होशियारपुर से गिरफ्तार किया गया था और उसे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया था। अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है लेकिन, पंजाब पुलिस ने उसके सदस्यों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू कर दी है।

पापलप्रीत सिंह को उत्तरी राज्य से 2500 किमी दूर असम के डिब्रूगढ़ लाया गया था, और पिछले सप्ताह मंगलवार को खालिस्तान समर्थक संगठन के सात अन्य लोगों के साथ केंद्रीय जेल में रखा गया था।

गौरतलब है कि वारिस पंजाब दे पर कार्रवाई तब शुरू हुई जब अमृतपाल और उनके समर्थकों ने गिरफ्तार साथी की रिहाई के लिए अमृतसर के पास अजनाला पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया था। इस प्रकरण ने पाकिस्तान की सीमा से लगे राज्य में खालिस्तानी उग्रवाद की वापसी की आशंका जताई थी।

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