सहारनपुर(मनीष अग्रवाल)। थाना सदर बाजार पुलिस द्वारा रेस्टोरेंट मालिक की हत्या की घटना का सफल अनावरण करते हुए एक शातिर अभियुक्त को किया गिरफ्तार। मामला है दिनांक 11 फरवरी का जहाँ कोर्ट रोड पर सपा नेता सुहेल गाड़ा के रेस्टोरेंट TEN -11 के मालिक व भाई ओवैस की कुछ युवकों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वही मर्तक के पिता मोहतसिंह पुत्र अलताफ नि० ग्राम मोहनपुर गाढा थाना रामपुरमिनहारन सहारनपुर द्वारा एक लिखित तहरीर बावत अलसमद उर्फ दाउद पुत्र लुकमान नि० ग्राम छिदबना थाना रामपुर मनिहारन जनपद सहारनपुर व एक अन्य व्यक्ति द्वारा वादी के पुत्र को गोली मार देने के सम्बन्ध में थाना सदर बाजार पर मामला पंजीकृत किया गया था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, सहारनपुर के निर्देशन में अपराध नियंत्रण एवं वांछित/वारण्टी/शातिर अभियुक्तगण की गिरफ्तारी हेतु चलाये जा रहे अभियान के अन्तर्गत पुलिस अधीक्षक नगर व्योम बिंदल ने बताया कि सदर थाना प्रभारी निरीक्षक सुबे सिंह के कुशल नेतृत्व में मुकदमा उपरोक्त में त्वरित कार्यवाही करते हुऐ रविवार को थाना सदर बाजार पुलिस टीम द्वारा हत्या के मुकदमें वांछित एक अभियुक्त अलसमद उर्फ दाउद पुत्र लुकमान नि० ग्राम छिदबना थाना रामपुर मनिहारन जनपद सहारनपुर को काशीराम बस अड्डे पर से गिरफ्तार किया गया। जिसके कब्जे/निशादेही से घटना में प्रयुक्त एक अवैध पिस्टल देशी 32 बोर व एक जिन्दा तथा एक खोखा कारतूस 32 बोर बरामद किया गया। वही बरामदगी के आधार पर मुकदमा उपरोक्त में धारा आर्मस एक्ट की वृध्दि की गई। अभियुक्त के विरुद्ध अन्य आवश्यक विधिक कार्यवाही कर समय से माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है।
विवरण पूछताछ का
गिरफ्तार अभि० अलसमद उर्फ दाउद ने पूछताछ के दौरान बताया कि मैंने कुछ दिन पहले उवैश के पिता जी से 1 लाख रूपये किसी काम के लिये उधार लिए थे। उवैश बार बार मुझ पर तगादा करता था। मैं उसके पैसे नही दे पा रहा था। एक हफ्ते पहले इन उधार के पैसो को लेकर कई लोगो के सामने उवैश में मेरी बेइज्जती कर दी थी। मैं उस बेइज्जती को बरदास्त नहीं कर पा रहा था। मैने उस दिन ही उवैश की हत्या करने की बात अपने मन में बिठा ली थी, मैं अपने 02 अन्य दोस्तो के साथ सहारनपुर आया था। मैंने कहा कि चलो एक बार उवैश के रेस्टोरेन्ट पर कुछ खा पीकर चलते है। फिर हम तीनो कोर्ट रोड से उवैश के रेस्टोरेन्ट पर पंहुचे उवैश अपने काउंटर पर अकेला बैठा था। मैने उवैश से कहा कि भाई अंदर आफिस में आकर अपने पैसे ले लो। उवैश के साथ-साथ मैरे दोस्त भी अन्दर आ गये। उवैश ने कहा भाई ला पैसे। मैने एकदम अपनी अंटी से पिस्टल निकालकर उवैश पर तीन गोलिया चलाई, अन्दर भीड़ होने के कारण एक गोली मेरे दोस्त के हाथ में भी लग गयी। मैने उन लोंगो को धमकी देते हुये कहा था कि अगर इसके बारे में बाहर कोई कुछ पूछे तो आप बताना कि पिस्टल उवैश की थी और पिस्टल को चैक करते हुए गलती से मेरे हाथ से चल गयी थी। आनन फानन में मेरे द्वारा कार्टेज की डिब्बी आफिस में ही रखे एक काले बैग में ही रख दी थी तथा पिस्टल को मैने रेस्टोरेन्ट में पड़े एक काले रगं के थैले में रखकर रेस्टोरेनट के ऊपर बने किचन के गेट के बराबर में कोने में कबाड़ में छिपा कर भाग गया था।