केरल की मुख्य सचिव शारदा मुरलीधरन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उन लोगों की बोलती बंद कर दी जो उनके रंग पर सवाल उठा रहे थे। 1990 बैच की IAS ऑफिसर मुरलीधरन ने फेसबुक पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा, जिसमें उन्होंने काले रंग की विशेषता बताई और कहा कि मुझे काला रंग पसंद है। मुख्य सचिव शारदा मुरलीधरन ने फेसबुक पर लिखा , कल मुख्य सचिव के रूप में मेरे कार्यकाल पर एक दिलचस्प टिप्पणी सुनी। मुझे अपने कालेपन को स्वीकार करना होगा। ये पोस्ट मैंने डिलीट कर दी थी, क्योंकि इसपर कई टिप्पणियां आ रही थीं। लेकिन मेरे कुछ शुभचिंतको ने फिर से शेयर करने को बोला, क्योंकि कुछ चीजों पर चर्चा जरूर होती है।
मुख्य सचिव ने पोस्ट में क्या-क्या लिखा?
अपने पोस्ट के जरिए मुरलीधरन ने काले रंग के लोगों के खिलाफ गहरी जड़ें जमाए हुए पूर्वाग्रह को उजागर किया। उन्होंने बताया कि कैसे उनके सात महीने के कार्यकाल में उनके पति, पूर्व मुख्य सचिव वी वेणु से लगातार तुलना की गई, लेकिन यह विशेष टिप्पणी और भी ज्यादा चुभ गई। उन्होंने आगे लिखा कि ये यह काले रंग का लेबल लगाए जाने के बारे में था, जैसे कि यह कोई बेहद शर्मनाक बात हो। उन्होंने कालेपन से जुड़े अक्सर नकारात्मक अर्थों को खत्म किया। उन्होंने लिखा कि काला वही है जो काला करता है। सिर्फ रंग ही काला नहीं है, बल्कि काला ही वो है जो अच्छा नहीं करता, काला ही अस्वस्थता है, अंधकार का दिल है, लेकिन काले को क्यों बदनाम किया जाना चाहिए।

मुख्य सचिव का फेसबुक पोस्ट
मुरलीधरन ने याद किया कि कैसे एक बार उन्होंने बचपन में अपनी मां से पूछा था कि क्या वह गोरी त्वचा के साथ पुनर्जन्म ले सकती हैं, उनका मानना था कि केवल गोरा रंग ही सुंदर होता है। मुरलीधरन कहती हैं कि काला रंग सुंदर है। काला रंग सुंदरता है और मुझे काला रंग पसंद है।