अलगाववादी नेता अमृतपाल सिंह की तलाश जारी है। सोमवार को लगातार तीसरे दिन पुलिस खोजबीन में जुटी हुई है। हालांकि, परिवार के कुछ सदस्यों और वारिस पंजाब दे के एक लीगल एडवाइजर ने दावा किया है कि अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। फिलहाल, बड़ी संख्या में उसके समर्थकों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
अमृतपाल की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो पाई है। ऐसे में पंजाब में माहौल खराब न हो, इसके लिए सरकार के निर्देश पर पुलिस ने राज्य में इंटरनेट और एसएमएस सेवा मंगलवार दोपहर तक सस्पेंड कर दी है।
भगोड़े अमृतपाल सिंह को लेकर पंजाब सरकार अलर्ट मोड पर है। फिलहाल, खालिस्तानी नेता की गिरफ्तारी की कोशिशें जारी हैं। इसी बीच खबर है कि पंजाब सरकार ने मंगलवार दोपहर तक मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस पर प्रतिबंध बढ़ा दिया है। कहा जा रहा है कि पुलिस को अमृतपाल की लोकेशन का पता लग चुका है।
खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे के चीफ अमृतपाल पर ऐक्शन को लेकर भारत से बाहर ब्रिटेन और कनाडा में भी खलबली मच गई है। ब्रिटिश सिख लेबर सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने खालिस्तानी तत्वों की गिरफ्तारी और पंजाब में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के अस्थायी निलंबन पर चिंता व्यक्त करने के बाद नाराजगी जताई। उधर, कनाडा में न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह ने तो कनाडाई पीएम से मामले में हस्तक्षेप की मांग कर डाली है।
एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह की लोकेशन की जानकारी पुलिस को मिल चुकी है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि अमृतपाल कभी भी गिरफ्तार हो सकता है। हाल ही में उसके ड्राइवर और अंकल ने भी पंजाब पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है।
अमृतपाल पर कार्रवाई पर शिरोमणि गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी की भी प्रतिक्रिया आई है। एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा है कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब सरकार और पुलिस जैसे कार्रवाई कर रही है, वह गलत है। पंजाब में दहशत का माहौल बनाया जा रहा है।
लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तान समर्थकों के तिरंगे को हटाने के एक दिन बाद ही ब्रिटेन में रिएक्शन देखने को मिला। खबर है कि उच्चायोग पर दोबारा तिरंगे ने जगह ले ली है। इतना ही नहीं इस बार आकार भी पहले से बड़ा है।
1966 में इंदिरा गांधी ने हालांकि पंजाब को अलग राज्य बना दिया। कुछ वक्त पंजाब में शांति तो रही लेकिन, फिर 1978 में अकाली दल और निरंकारियों के बीच झड़प में मौत के ताडंव के बाद जनरैल भिंडरावाले की एंट्री हुई। वह जगह-जगह भड़काऊ भाषण देने लगा। 80 के दशक में पंजाब एक बार फिर खालिस्तान की मांग को लेकर खून-खराबा देख रहा था।
पुलिस अपने दावे पर कायम है कि ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख जालंधर जिले में शनिवार को कार का पीछा करने के दौरान फरार हो गया था। पुलिस ने शनिवार को ही अमृतपाल और उसके संगठन के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की थी। वहीं, पुलिस ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल और उसके समर्थकों के खिलाफ नए मामले दर्ज किए हैं। प्रशासन ने पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में लोगों के जमा होने से रोकने के लिए रविवार को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की। पंजाब के कुछ हिस्सों में पहले से ही निषेधाज्ञा लागू है। (भाषा)
1929 में कांग्रेस अधिवेशन के दौरान जब मोतीलाल नेहरू ने पूर्व स्वराज्य की मांग उठाई तो इसके विरोध में तीन ग्रुप सामने आए थे। विरोध करने वालों में एक थे शिरोमणि अकाली दल के मास्टर तारा सिंह। तारा सिंह ही थे, जिन्होंने सिखों के लिए अलग राज्य की मांग पहली बार उठाई थी।
कनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी नेता जगमीत सिंह ने ट्वीट किया, ‘मैं उन खबरों से बहुत चिंतित हूं कि भारत ने नागरिक स्वतंत्रता को खत्म कर दिया है और पूरे पंजाब में इंटरनेट ब्लैकआउट कर दिया है। ये बेरहम उपाय कई लोगों के लिए परेशान करने वाले हैं…।’ उन्होंने ताजा हालात के तार 1984 से जोड़े हैं।
अलगाववादी नेता अमृतपाल सिंह को लेकर 15 दिन पहले केंद्रीय गृहमंत्रालय की एक बैठक हुई। खबर है कि उस बैठक का सबसे बड़ा मुद्दा खालसा वहीर अभियान और सिंह की निजी सेना आनंदपुर खालसा फोर्स का था। कहा जा रहा है कि इन दोनों ही बिंदुओं ने केंद्र सरकार को खासा परेशान कर रखा था और यहीं से सिंह की धरपकड़ की स्क्रिप्ट लिखी गई। अब विस्तार से समझते हैं।
खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह के अंकल हरिजीत सिंह और एक ड्राइवर ने आत्मसमर्पण कर दिया है। कहा जा रहा है कि जिस वक्त पंजाब पुलिस अमृतपाल का पीछा कर रही थी, उस दौरान हरिजीत मर्सिडीज कार चला रहा था। उसने जानकारी दी है कि 15-16 किमी तक पीछे पड़ने के बाद दोनों अलग हो गए थे।
लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर खालस्तिान के समर्थकों द्वारा भारतीय झंडे को हटाने को लेकर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज करते हुए राष्ट्रीय राजधानी में रविवार रात ब्रिटेन के वरिष्ठ राजनयिक को तलब किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए बताया कि भारत में ब्रिटेन के वरिष्ठ राजनयिक को तलब करते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज कराई।
अमृतपाल सिंह की तलाशी के बीच सहयोगियों की गिरफ्तारी का दौर भी जारी है। आंकड़े बताते हैं कि अब तक पंजाब पुलिस ने खालिस्तानी नेता के 112 सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें 34 लोगों को रविवार को ही गिरफ्तार किया गया है। रविवार को पुलिस ने पंजाब में फ्लैग मार्च की। आज अमृतपाल की तलाश का तीसरा दिन है।
खुफिया सूचना में कहा गया है कि खालिस्तान समर्थक उपदेशक अमृतपाल सिंह हथियारों को जमा करने के लिए नशा मुक्ति केंद्रों और एक गुरुद्वारे का इस्तेमाल कर रहा था और आत्मघाती हमले के लिए युवाओं को तैयार कर रहा था। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के साथ एक डोजियर (ऐसी फाइल जिसमें किसी व्यक्ति, घटना या विषय पर विस्तृत जानकारी हो) तैयार किया गया है। इसमें दावा किया गया है कि सिंह युवाओं को ‘खाड़कू’ या मानव बम बनाने के वास्ते उन्हें तैयार करने में मुख्य रूप से शामिल था।