कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस एक फॉर्मूला बनाने में सफल हो गई है। इसके तहत वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया मुख्यमंत्री होंगे। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। पार्टी गुरुवार शाम तक आधिकारिक रूप से इसका ऐलान कर सकती है और शनिवार को शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। कहा जा रहा है कि पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद यह खींचतान खत्म हो सकी है। हालांकि, इसी बीच शिवकुमार के भाई और कांग्रेस सांसद डीके सुरेश फैसले पर असहमति जता चुके हैं।

शिवकुमार का कहना है कि कांग्रेस के हित पर उन्होंने हामी भरी है। उन्होंने कहा, ‘हमारी कांग्रेस पार्टी की कर्नाटक के लोगों के प्रति प्रतिबद्धता है। आम चुनाव आ रहे हैं। ऐसे में मुझे AICC अध्यक्ष और गांधी परिवार के सामने झुकना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘कभी-कभी तनाव खत्म होना चाहिए और बातचीत शुरू होना चाहिए। अंत में कर्नाटक के लोगों के प्रति हमारी जिम्मेदारी है और हमें उसे पूरा करना होगा।’

सांसद डीके सुरेश ने भी खुलकर इस फैसले पर असहमति जता दी है। उन्होंने कहा, ‘मैं पूरी तरह खुश नहीं हूं, लेकिन कर्नाटक के हित में हम हमारे वादे पूरे करना चाहते हैं…। इसलिए डीके शिवकुमार को यह स्वीकार करना पड़ा। भविष्य में हम और भी देखेंगे, अभी लंबा रास्ता बचा है…।’ उन्होंने कहा कि मैं चाहता था कि शिवकुमार सीएम बनें। खबरें थी कि खुद शिवकुमार भी मुख्यमंत्री पद से कम किसी जिम्मेदारी के लिए सहमत नहीं थे।

13 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो गए थे, जहां कांग्रेस ने 135 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने की तैयारी कर ली थी। इसके बाद खड़ा हुआ मुख्यमंत्री कौन का सवाल करीब 4 दिनों तक चलता रहा। इसे लेकर  कर्नाटक से दिल्ली तक मुलाकातों और बड़ी बैठकों का दौर चलता रहा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर मीटिंग चल रही थीं।

इसी बीच खबरें ये भी हैं कि शिमला में मौजूद सोनिया ने शिवकुमार को मनाने में बड़ी भूमिका निभाई है। कहा जा रहा है कि पूर्व अध्यक्ष ने शिवकुमार से बात की है, जिसके बाद वह डिप्टी सीएम वाले फॉर्मूले पर राजी हुए। फिलहाल, ताजा सियासी व्यवस्था में शिवकुमार को डिप्टी सीएम के अलावा कई अहम मंत्रालय भी दिए जा सकते हैं।

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