एनआईए ने उत्तर प्रदेश के पांच जिलों में एक साथ छापेमारी किया है। जिसमें लखनऊ, अयोध्या, बागपत, मेरठ और लखीमपुर खीरी है। इन जिलों से खालिस्तान समर्थकों कुख्यात लारेंस विश्रोई गैंग के तार जुड़े होने की सूचना एनआईए को मिली है। गिरोह के करीबी होने के संदेह पर अयोध्या के विकास सिंह देवगढ से भी एनआईए ने देर रात तक पूछताछ किया है। विकास की तलाश में एनआईए की टीम ने पहले लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार के पार्क व्यू अपार्टमेंट में छापा मारा लेकिन वह वहां पर नहीं मिला जिसके बाद टीम अयोध्या की तरफ रवाना हो गई। इसके पहले भी अयोध्या के एक युवक को एनआईए ने गिरफ्तार किया था, जिसके संबंध लारेंस विश्रोई गिरोह से बताए जाते हैं।
लारेंस विश्रोई गिरोह का उत्तर प्रदेश कनेक्शन अयोध्या के युवक के गिरफ्तारी के बाद सामने आया है। जिसके बाद एनआईए ने प्रदेश के कई जिलों में छापेमारी और पूछताछ की कार्रवाई शुरू किया है। बागपत और मेरठ में भी टीम ने छानबीन किया। एनआईए टीम के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अयोध्या का विकास सिंह लारेंस विश्नोई गैंग के शूटरों को शरण देने का काम करता था। पुलिस और सुरक्षा एजेसिंयो से बचाने में विकास सिंह की बड़ी भूमिका सामने आ रही है।
हाल ही में एनआईए टीम ने विश्रोई गैंग से जुड़े एक खालिस्तान समर्थक को गिरफ्तार किया था। जिसने पूछताछ में गैंग के सदस्यों के छिपने के ठीकानों के बारे में बताया, उसने अयोध्या के विकास सिंह के बारे में एनआईए को जानकारी दिया जो गिरोह के सदस्यों को शरण दिलाने का काम करता है। हांलाकि इस बात की अबतक आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है। विकास सिंह ज्यादातर समय लखनऊ अपने फ्लैट पर रहता है, उसने गोमतीनगर विस्तार में साल 2021 में एक फ्लैट खरीदा था।
एनआईए की टीम लखीमपुर जिले के तिकुनिया जसनगर में गुरमीत सिंह के घर भी पहुंची। बताया जाता है कि गुरमीत के रिश्ते वारिस पंजाब दे के अमृतपाल से हैं। अमृतपाल अलग खालिस्तान की मांग करने वालों का बड़ा नेता माना जाता है। लखीमपुर में एनआईए को करोड़ों रुपए मनी लॉड्रिंग जुड़े मामलों का सुराग मिला है। इसके बाद टीम ने गुरमीत के आधार कार्ड, बैंक डिटेल, फोन नंबर, पैन कार्ड आदि को अपने कब्जे में ले लिया है।
लखीमपुर के गुरमीत के दो बेटे फिलीपींस में रहते हैं। एनआईए को सूचना मिली है कि गुरमीत के दोनों बेटों ने वारिस पंजाब दे के खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के खाते में करोड़ों रुपए भेजे हैं। जिसमें से कुछ रकम गुरमीत के खाते में भी भेजी गई थी। देश विरोधी और देश तोडऩे वाले खालिस्तान आंदोलन की देशी-विदेशी फंडिंग को लेकर एनआईए चौकन्ना है और इसकी जांच कर रही है।