फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर ‘दिल्ली चलो’ विरोध प्रदर्शन में शामिल नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि हरियाणा पुलिस की पंजाब के किसानों के साथ हुई झड़प के दौरान मारे गए शुभकरण सिंह का अंतिम संस्कार तब तक नहीं किया जाएगा जब तक पंजाब सरकार घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करती।
यह घटनाक्रम पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से एक करोड़ रुपए का मुआवजा और शुभकरण की बहन को सरकारी नौकरी देने की घोषणा के बाद सामने आया।
पटियाला में किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने जोर दिया था कि शुभकरण की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अब अधिकारियों ने बताया कि यह संभव नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘हमने (शुभकरण के) परिवार से कहा कि इसमें दो दिन या 10 दिन लगे। हमारे लिए पैसे महत्वपूर्ण नहीं है। हम प्राथमिकी दर्ज करने की मांग कर रहे हैं और उसके बाद ही अंतिम संस्कार होगा।’
पंधेर ने पंजाब सरकार के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि वे शुभकरण के परिवार पर अंतिम संस्कार के लिए सहमत होने के लिए ‘दबाव’ डाल रहे हैं।
राष्ट्रीय राजधानी के लिए मार्च के आह्वान को लेकर अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर पंधेर ने कहा, ‘हम बैठक करेंगे और अपना रुख स्पष्ट करेंगे।’
पंजाब के मुख्यमंत्री मान ने शुक्रवार को मुआवजा और शुभकरण की बहन को नौकरी देने की घोषणा की।
फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन के तहत पंजाब-हरियाणा की खनौरी सीमा पर डेरा डाले लोगों में से एक किसान की हृदयाघात से मौत हो गई। एक किसान नेता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि बठिंडा जिले के अमरगढ़ गांव निवासी दर्शन सिंह (62) की मौत हो गई है।
हरियाणा पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि वह किसान आंदोलन का हिस्सा रहे कुछ किसान नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के प्रावधानों को लागू करने के अपने फैसले को वापस ले रही है।