उत्तर प्रदेश के उन्नाव में दुष्कर्म के बाद मां बनी युवती ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने से मना कर दिया। जिला अस्पताल में जन्मे बच्चे को अपने साथ लेकर चली गई। इसके पहले क्षेत्राधिकारी और अन्य अधिकारियों ने युवती से बातचीत की और समझने का प्रयास किया। लेकिन युवती अपनी बात पर अडिग रही। उसने किसी प्रकार की कार्रवाई करने से इंकार कर दिया। जिला अस्पताल के महिला विभाग ने एनआईसीयू में भर्ती बच्चे को मां को सौंप दिया। मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव का है।

सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव की रहने वाली 19 वर्षीय युवती के साथ उस समय दुष्कर्म हुआ था। जब वह कोचिंग पढ़कर वापस आ रही थी। युवती ने बताया कि बीते अप्रैल माह में जब वह कोचिंग पढ़ कर लौट रही थी। उसी समय दो युवकों ने उसे पकड़ लिया। जिसमें से एक युवक ने उसके साथ दुष्कर्म किया। डर के मारे उसने घटना की जानकारी किसी को नहीं दी। कुछ दिन बाद पता चला कि वह गर्भवती है लेकिन घटना की। जानकारी घर में किसी को नहीं दी। 7 महीने तक गर्भ को छुपाए रही।
युवती जब पेट में तेज दर्द हुआ तो पिता ने जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया। जहां जांच में गर्भवती होने की जानकारी मिली। तो घर वालों के होश उड़ गए। इमरजेंसी वार्ड से युवती को महिला जिला अस्पताल भेज दिया गया। जहां उसमें एक बेटे को जन्म दिया।
घटना की जानकारी पुलिस को मिली। मौके पर पहुंची महिला पुलिस ने युवती से बातचीत की। लेकिन उसने मुकदमा दर्ज करने से मना कर दिया। क्षेत्राधिकारी नगर सोनम सिंह ने भी पीड़िता से अकेले में बातचीत की। उन्होंने बताया कि युवती को काफी समझाने का प्रयास किया। लेकिन उसने मुकदमा दर्ज करने से साफ इंकार कर दिया। युवती के इंकार करने के बाद दोषी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। इधर महिला अस्पताल की सीएमएस डॉक्टर फोजिया अंजुम ने बताया कि बच्चा बिल्कुल स्वस्थ है और उसे मां के सुपुर्द कर दिया गया है।

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