बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने हाल में आयोजित पुलिस भर्ती अभियान को लेकर बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की और कहा कि यह नियमित प्रक्रिया है जिसे अनावश्यक रूप से बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया।

मायावती ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, उत्तर प्रदेश में हाल में हुई सिपाही भर्ती को लेकर ऐसा प्रचारित किया गया जैसे यह कोई नई बात हो, जबकि पुलिस में ऐसी भर्ती नियमित कार्य है, ताकि बैकलॉग की बुराई पुलिस विभाग में भी न आ आए। किन्तु इस भर्ती में सर्वसमाज को सही हक मिला या नहीं व उनके प्रशिक्षण का क्या? यही आम चिन्ता है।

उन्होंने कहा, ‘बसपा की मेरी सरकार में प्रदेश में ’कानून द्वारा कानून का राज’ का न्याय-युक्त माहौल स्थापित करने के लिए एकमुश्त 1.20 लाख नए पद सृजित करके पुलिस भर्ती को ईमानदार बनाया गया, जिस शान्ति व्यवस्था का लाभ बिना भेदभाव के समाज के सभी वर्गों के लोगों को मिला, जिसकी अब काफी कमी है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को लखनऊ में 60 हजार से अधिक सिपाहियों को नियुक्ति पत्र सौंपे। यहां डिफेंस एक्सपो मैदान में रविवार को आयोजित समारोह में नव-नियुक्त 60,244 सिपाहियों के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य की कामना करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, ‘‘मेरी दृष्टि से संख्या से ज्यादा एक बात महत्वपूर्ण है, मेरे सामने 60,244 युवा बैठे हैं और हिम्मत से कह रहा हूं कि किसी को एक आने-पाई की रिश्वत नहीं देनी पड़ी है।’’

उन्होंने कहा था, ‘‘पारदर्शिता के साथ यह भर्ती हुई है। न खर्ची, न पर्ची, न कोई सिफारिश, न जाति के आधार पर…48 लाख आवेदनों में आप सब अपनी योग्‍यता के आधार पर आए हैं और मैं मानता हूं कि इससे बड़ी उपलब्धि किसी भी शासन के लिए नहीं हो सकती है।

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