उत्तराखंड में बुधवार देर रात तक बारिश ने जमकर तांड़व मचाया है। प्रदेशभर में कई जगह जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
प्रदेशम में अलग अलग हुए हादसों में नौ लोगों की मौत हो गई जबकि पांच लापता हैं। केदारघाटी और टिहरी में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। रातभर हुई बारिश के बाद प्रशासन से लेकर शासन स्तर के अधिकारी मुस्तैदी के साथ जुटे रहे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी रात में फोन पर बारिश से हुए नुकसान को लेकर अपडेट लिया। आपदा सचिव कंट्रोल रुम में बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेते रहे। इसके अलावा एसडीआरएफ की टीमें रात भर घटनास्थलों पर रेस्क्यू अभियान चलाते रहे। देहरादून में भी बारिश से बाढ़ जैसे हालात नजर आए। डीएम देहरादून सोनिका ने भी रात में कंट्रोल रुम पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर बादल फटने से मंदाकिनी नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। प्रशासन ने रात में गौरीकुंड, सोनप्रयाग, गौरी माई मंदिर को खाली करवाया। एहतियातन 200 लोगों को गेस्ट हाउस में ठहराया गया। टिहरी के घनसाली में फिर से बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है।
यहां एक ही परिवार के तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। देर रात तक भारी बारिश के चलते देहरादून, टिहरी व पौड़ी में आज स्कूल बंद रखे गए हैं। सरकार ने आज चार धाम यात्रा स्थगित करते हुए पंजीकरण पर रोक लगा दी है। हरिद्वार के बहादराबाद में मकान गिरने से दो बच्चों की मौत हो गई। रुड़की में करंट लगने से दो की मौत की सूचना है। देहरादून में तेज बारिश से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए।
नालापानी में सड़क पर पानी बहने से दो लोग लापता हो गए। जिसमें से एक का शव बरामद हुआ है। रिस्पना नदी उफान पर है। कई जगहों पर घरों में पानी घुसने की सूचना है। सड़क पर रात भर नाले नदियों की तरह बहते हुए नजर आए। देहरादून मसूरी मार्ग शाम से भूस्खलन की वजह से बंद रहा। जिसे कड़ी मेहनत के बाद रात में खोला गया। इस दौरान सैकड़ों लोग सड़क के दोनों तरफ फंसे रहे। मौसम विभाग ने आज भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।