भारत सरकार ने अब ई-सिगरेट बेचने और इसे ऑनलाइन मंगाने पर रोक लगा दी गई है। निकोटिन और अन्य नशीली चीजों के नाते इसके इस्तेमाल से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

भारत सरकार के निर्देश के बाद अब सभी थानों को निर्देश दिए गए हैं कि कहीं भी इसकी ब्रिकी की जानकारी हो तो सख्त कार्रवाई करें। वहीं, कूरियर एजेंसियों को भी पत्र लिखकर इसकी बुकिंग और डिलिवरी न करने को कहा जा रहा है। वर्तमान समय में यह सिगरेट धड़ल्ले से बेची जा रही है।ई-सिगरेट में ई-पेन, ई-पाइप, ई-हुक्का और ई-सिगार सस्ते से महंगे दामों पर युवकों , युवतियों को उपलब्ध हो जा रहा है।शहर के किशोरों और युवाओं में इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। प्रतिबंधित होने के बाद भी ई-सिगरेट बेची जा रही थी। इसकी शिकायत मिलने पर राज्य सरकार की तरफ से सभी जिलों के लिए पत्र जारी किया गया है। पुलिस अब ऐसा करने वालों से सख्ती से निपटेगी।

ई-सिगरेट बैटरी से चलने वाली डिवाइस है। यह पेन या लाइटर के आकार का होता है, जिसका इस्तेमाल एक तरह के धूम्रपान के लिए किया जाता है, जिसे वेपिंग कहते हैं। वे एक वाष्प पैदा करते हैं जिसे फेफड़ों में गहराई तक खींचा जाता है, जो तंबाकू सिगरेट पीने जैसा एहसास देता है। पारंपरिक सिगरेट की तरह ज्यादातर ई-सिगरेट में निकोटीन होता है। ब्रांड के हिसाब से इसकी मात्रा अलग-अलग होती है। इनमें स्वाद बढ़ाने वाले पदार्थ व अन्य कई रसायन भी हो सकते हैं।
SP नॉर्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि ई-सिगरेट की ऑनलाइन डिलीवरी और दुकानों पर बिक्री रोकने के लिए थानों की पुलिस को निर्देशित कर दिया गया है। ई-सिगरेट प्रतिबंधित होने के बाद भी बेचते पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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