शिक्षक भर्ती प्रश्नपत्र लीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा सोमवार को राजस्‍थान में कई स्थानों पर छापेमारी के बीच मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ईडी, आयकर विभाग व केंद्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो (सीबीआई) तो राजस्‍थान में घुसने के लिए तड़प रही हैं। इसके साथ गहलोत ने इन एजेंसियों के अधिकारियों से अपील की है वे किसी ‘ऊपरी दबाव’ में ना आकर कानूनी ‘प्रणाली’ के अनुरूप काम करें ताकि इनकी साख बनी रहे। गहलोत ने इस बारे में पूछे जाने पर यहां संवाददाताओं से कहा,‘‘ईडी, आयकर, सीबीआई तड़प रही है राजस्‍थान में घुसने के लिए।”

इसके साथ ही गहलोत ने इसे राज्‍य के भ्रष्‍टाचार रोधी ब्‍यूरो (एसीबी) के काम में हस्तक्षेप बताते हुए कहा कि राजस्‍थान की एसीबी ने देशभर में सबसे शानदार काम किया है। गहलोत ने एसीबी द्वारा राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के सदस्य को गिरफ्तार किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि इसने आरपीएससी के सदस्य के अलावा जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को पकड़ा है। उन्होंने कहा कि एसीबी का देशभर में कोई जवाब नहीं है, क्योंकि देशभर में इसने सबसे ज्यादा औ शानदार काम किया है।

उल्‍लेखनीय है कि ईडी ने शिक्षक भर्ती परीक्षा प्रश्नपत्र लीक मामले में धन शोधन की जांच के संबंध में राज्य में सोमवार को कई स्थानों पर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य की राजधानी जयपुर, बाड़मेर और कुछ अन्य शहरों में कई स्थानों पर धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत छापे मारे गए।

गहलोत ने कहा कि जिस-जिस राज्‍य में चुनाव करीब आते हैं वहां ईडी और आयकर की टीम पहुंच जाती है। उन्‍होंने कहा,‘‘कर्नाटक में चुनाव आए तो वहां ईडी और आयकर के अधिकारी पहुंच गये। गहलोत ने कहा कि ईडी, आयकर विभाग व सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों की साख देश में अधि‍कतम होनी चाहिए। गहलोत ने इन एजेंसियों के उच्चाधिकारियों से आग्रह किया कि वे ‘अनावश्यक ऊपरी’ दबाव में ना आकर तय कानूनी प्रक्रिया के अनुरूप ही काम करें।

गहलोत ने कहा,‘‘हम तो अपेक्षा करते हैं कि ईडी की साख देश में उच्‍चतम होनी चाहिए। ईडी, आयकर और सीबीआई की साख (क्रेडिबिलिटी) उच्‍चतम रहे ये मेरी दुआएं हैं और हम उनके साथ हैं। मैं अधिकारियों से आग्रह करता हूं कि आप अनावश्यक दबाव में आना बंद कर दें। …जो सिस्टम बना है उसी के अनुसार कार्रवाई करें।” गहलोत ने कहा कि वह छापेमारी और गिरफ्तारी करके जेल में भेजने का स्वागत करते हैं, लेकिन ये सब राजनीतिक बदले की भावना से और चुनाव जीतने के लिए नहीं होना चाहिए।

 

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