लखनऊः उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग की आरक्षण सूची जारी कर दी थी। जिसके बाद अब इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने यूपी सरकार को इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि, चार दिन के अंदर सरकार इस सूची को सरकार की वेबसाइट पर अपलोड कर दें।मिली जानकारी के अनुसार, कोर्ट ने आरक्षण अधिसूचना की प्रकाशित सूची पर आपत्तियां दर्ज कराने की तय मियाद को आगे न बढ़ाते हुए याची को बीते गुरुवार 6 अप्रैल तक ही अपनी आपत्ति अपर महाधिवक्ता (एएजी) को सौंपने के लिए कहा है, लेकिन सरकार ने अभी तक आरक्षण सूची को सार्वजनिक नहीं किया है। जब तर सूची सार्वजनिक नहीं होगी तो आपत्तियां कैसे तैयार की जाएंगी। इसलिए सरकार ने चार दिन के अंदर वेबसाइट पर सूची अपलोड करने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने आरक्षण संबंधी अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है।
आरक्षण सूची को सार्वजनिक करने का आदेश जस्टिस राजन राय व जस्टिस मनीष कुमार की पीठ ने लखीमपुर खीरी के विकास अग्रवाल की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया। याचिका में कहा गया था कि सरकार ने 31 मार्च को आरक्षण संबंधी अधिसूचना तो जारी कर दी है, लेकिन ओबीसी पर पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। इसी पर कोर्ट के आदेश के अनुपालन में बीते गुरुवार को अपर महाधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी ने रिपोर्ट पेश की, जिसे देखने के बाद पीठ ने वापस कर दिया। त्रिपाठी ने कहा कि हालांकि नियमों में ऐसा प्रावधान नहीं है कि रिपोर्ट की कापी याची को दी जाए किंतु यदि कोर्ट आदेश देगी तो रिपोर्ट को नगर विकास विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा

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