उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण, हज एवं वक्फ विभाग के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने आरक्षण के मुद्दे पर विपक्षी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर सोमवार को हमला बोला। मीडिया के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आज की तारीख में जो डीएम, एसपी, डीजीपी जैसे पदों पर हैं, उनके बच्चों को आरक्षण की क्या जरूरत है।
ओम प्रकाश राजभर ने कहा, “बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान में जो व्यवस्था दी है वह गरीबों को मजबूत करने के लिए दी है। सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है, वह सही दिया है। जो उसके पात्र हैं, उन्हें आरक्षण दिया जाएगा। सपा, बसपा और कांग्रेस वाले पिछड़ों-अति पिछड़ों का आरक्षण लूटने वाले लोग हैं। इसलिए यह लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे हैं, जबकि इन्हें तो खुलकर इसका समर्थन करना चाहिए। ये तीनों दल सब को साथ लेकर चले होते पात्र लोगों को आरक्षण दिया होता तो आज यह स्थिति नहीं होती।”
ओम प्रकाश राजभर ने कहा, “वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ हैं और उन गरीब, दलित, अति पिछड़ों के साथ हैं, जिन्हें आरक्षण नहीं मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह एससी-एसटी आरक्षण को लेकर एक फैसला दिया। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें चाहें तो एससी-एसटी की सूची में अब उपवर्गीकरण भी कर सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को विपक्षी सांसदों ने गलत बताया है। पिछले दिनों 100 सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी।”
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “भाजपा सरकार हर बार अपने गोलमोल बयानों और मुकदमों के माध्यम से आरक्षण की लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश करती है, फिर जब पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के विभिन्न घटकों का दबाव पड़ता है, तो दिखावटी सहानुभूति दिखाकर पीछे हटने का नाटक करती है। भाजपा की अंदरूनी सोच सदैव आरक्षण विरोधी रही है। इसलिए भाजपा पर से 90 प्रतिशत पीडीए समाज का भरोसा उठता जा रहा है। आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा की विश्वसनीयता शून्य हो चुकी है।”