पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के अतीत के एक बयान और भाजपा के कुछ अन्य नेताओं की टिप्पणियों का हवाला देते हुए यह दावा किया कि भाजपा के कई नेता फिर बोल रहे हैं कि उन्हें 400 पार सीटें चाहिए, ताकि वे बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान को बदल सकें।

रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘आरएसएस-भाजपा 100 साल से आरक्षण का विरोध करती आ रही हैं।

पिछले 10 वर्षों से तो वे लगातार आरक्षण पर हमला कर रहे हैं। 2015 में, संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने आरक्षण और इसकी आवश्यकता एवं समय-सीमा की समीक्षा करने की बात कही थी।

उन्होंने कहा, 2017 में आरएसएस नेता मनमोहन वैद्य ने कहा कि आरक्षण हटा दिया जाना चाहिए। 2018 में भाजपा सांसद सीपी ठाकुर ने दलित आरक्षण का विरोध किया था। 2021 में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता ने कहा था कि अब जाति आधारित आरक्षण को ख़्ात्म करने का समय आ गया है।

रमेश ने कहा, आप देख रहे होंगे कि भाजपा के कई नेता बोल रहे हैं कि उन्हें 400 पार सीटें चाहिए, ताकि वे बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान को बदल सकें।

पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े, मेरठ से भाजपा उम्मीदवार अरुण गोविल, फैजाबाद से भाजपा सांसद लल्लू सिंह और नागौर से भाजपा उम्मीदवार ज्योति मिर्धा ने संविधान पर खुलेआम हमला बोला है।

उन्होंने कहा, इस बात पर गौर फरमाइए, ऐसा पहली बार हो रहा है कि एक राजनीतिक दल का लक्ष्य सिर्फ चुनाव जीतना ही नहीं है, बल्कि 400 से अधिक सीटें जीतना है।

रमेश ने आरोप लगाया, भाजपा हमारे संविधान के लिए स्पष्ट रूप से खतरा है। वह संविधान को बदलना चाहती है ताकि आरक्षण को खत्म करने की आरएसएस की दशकों की साज़िश सफ़ल हो जाए।

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