जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों की तलाश के लिए सेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है। आतंकवादी डोडा के घने जंगलों में छिपे हैं। सेना और पुलिस के जवान वहां पहले से सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।
आतंकवादियों को चारों तरफ से घेरने के लिए अब हेलीकॉप्टर से भी तलाशी शुरू कर दी गई है। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों के साथ सोमवार शाम शुरू हुई मुठभेड़ रात भर चलती रही। इस मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी और सेना के एक अधिकारी समेत चार सैन्यकर्मी शहीद हो गये हैं।
क्षेत्रीय सांसद और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि उनके लोकसभा क्षेत्र डोडा के डेसा इलाके में सशस्त्र मुठभेड़ की खबरों से वह बहुत परेशान हैं। उन्होंने कहा, “हमारे वीर जवानों के बलिदान पर शोक जाहिर करने और इस वारदात की निंदा करने के लिए शब्द कम हैं। हम सब मिलकर दुश्मन के नापाक इरादों को हराएं, इलाके में शांति और सद्भाव बनाए रखें। डोडा हमेशा से शांति और सद्भाव के लिए जाना जाता है।”
वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के मुताबिक, राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस के विशेष अभियान दल (एसओजी) के जवानों ने सोमवार रात डोडा के डेसा वन क्षेत्र के धारी गेट उरारबागी में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था। रात लगभग नौ बजे अभियान दल आतंकवादियों के काफी करीब पहुंच गया जिसके बाद भारी गोलीबारी हुई। प्रारंभिक रिपोर्टों में बहादुर जवानों के हताहत होने का पता चला है। क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिकों को भेज दिया गया है। ऑपरेशन जारी है।
पहले मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी समेत पांच सुरक्षाकर्मियों के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना मिली थी। मंगलवार को पांचों ने दम तोड़ दिया। शहीदों में सेना का एक अधिकारी भी शामिल है।