विधान परिषद में बजट चर्चा के दौरान, निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भगवान राम के साथ ही निषादराज का भी एक मंदिर बन रहा है। अब उनकी मांग है कि श्रृंगवेरपुर में स्थित निषादराज के किले के पास स्थित मस्जिद को हटा दिया जाए।
निषादराज किले में भगवान श्रीराम ने रात्रि विश्राम किया था, लेकिन वहां तत्कालीन शासकों ने जबरन मस्जिद बनाया। अब निषाद समाज को उम्मीद है कि इसे हटाकर निषादराज किले का वैभव लौटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि रामचौरा घाट को पर्यटन स्थल घोषित किया गया है, और निषाद समाज के लोगों को रोजगार से जोड़ा गया है। मछुआरों के गांव में सामुदायिक स्थल बनाने, ई-लाइब्रेरी खोलने, और दैवीय आपदा में पांच लाख रुपये के मुआवजे का प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा, एक मछुआ कल्याण कोष भी स्थापित किया गया है, जिसका शासनादेश जारी हो गया है। निषाद समाज के नेता ने आरोप लगाया है कि गैर भाजपाई सरकारों ने मुसलमानों का बोट लिया और उनकी दशा खराब की। हालांकि, अब निषाद समाज जागरूक हो गया है और भाजपा के साथ है। भाजपा ने मत्स्य विभाग बनाकर उनके कल्याण के लिए योजनाएं शुरू की हैं।
डॉ. निषाद ने आरोप लगाया कि सपा एवं बसपा सरकारों ने निषाद सहित 18 जातियों का हक मारा। उन्हें अनुसूचित जाति से ओबीसी में किया गया। उन्होंने कहा कि सपा अब कांग्रेस के साथ है, लेकिन लोगों को न्याय भाजपा के साथ मिल रहा है, इसलिए अब सपा, बसपा और कांग्रेस को सत्ता का सपना नहीं देखना चाहिए।