केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हुंकार भरते हुए कहा कि डंके की चोट पर नरेंद्र मोदी सरकार वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन करेगी, चाहे कुछ भी हो और उसके बाद कोई भी निजी भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं कर पाएगा। शाह ने कहा कि महा विकास अघाड़ी बदलावों के खिलाफ है, लेकिन वक्फ बोर्ड के संबंध में कानून में संशोधन का विधेयक जल्द ही संसद में पारित किया जाएगा। शाह ने काह कि अभी-अभी हमारी सरकार ने वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन का बिल रखा।

भाजपा नेता ने कहा कि कुछ दिन पहले कांग्रेस शासित कर्नाटक में गांव के गांव वक्फ की संपत्ति घोषित कर दिए गए। कई मंदिर, लोगों के घर, किसानों की जमीन भी वक्फ की संपत्ति घोषित कर दी गईं, लेकिन वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन के बाद आपकी जमीन वक्फ नहीं ले सकता। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार वक्फ कानून डंके की चोट पर बदलने वाली है फिर किसी की जमीन या घर को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जाएगा। ये आज़ाद भारत है और ऐसा करने की इजाज़त किसी को नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी-अभी उलेमाओं का एक बड़ा हुजूम महाराष्ट्र में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से मिला और उनको आवेदन पत्र देकर मांग की कि मुसलमानों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए।

शाह ने कहा कि इस देश में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जा चुका है, और अगर कांग्रेस मुसलमानों को आरक्षण देना चाहती हैं, ​तो किसी का आरक्षण काटना पड़ेगा। ये ओबीसी, दलित, आदिवासी का आरक्षण काटकर अपने वोट बैंक को देंगे। उन्होंने सौफ तौर पर कहा कि हमारा संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता है। मैं आज घाटकोपर की जनता से कह कर जाता हूं कि जिनता जोर लगाना है, राहुल बाबा और कंपनी लगा लो, ओबीसी, दलित, आदिवासियों के आरक्षण की सुरक्षा हम करेंगे।

वक्फ अधिनियम 1995, मूल रूप से वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए स्थापित किया गया था, लेकिन इसे कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण के मुद्दों पर लंबे समय से आलोचना का सामना करना पड़ा है। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024, जिसे इस अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया था, अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को पुनः प्राप्त करने के लिए डिजिटलीकरण, सख्त ऑडिट, पारदर्शिता और कानूनी तंत्र की शुरुआत करके व्यापक सुधार लाने का प्रयास करता है।

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