कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मधुमिता की बहन निधि शुक्ला की याचिका पर सुनवाई करते हुए भले ही उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर दिया हो।
लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को जेल से रिहा किए जाने पर रोक नहीं लगाई है। इस बीच मधुमति शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने यूपी के राज्यपाल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए कहा कि वे अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई पर पुनर्विचार करें।
इतना ही नहीं, निधि शुक्ला ने अब अपनी जान को भी खतरा जताया है। शुक्रवार 25 अगस्त को निधि शुक्ला ने मीडिया से बात करते हुए कहा,
मैं यूपी के राज्यपाल और यूपी के मुख्यमंत्री से उनकी (त्रिपाठी दंपत्ति) रिहाई रोकने का अनुरोध करती हूं। RTI आवेदनों में कहा गया है कि अमरमणि वास्तव में कभी जेल नहीं गए। वह कुछ भी कर सकता है…अगर उसने मेरी हत्या कर दी तो इस केस की पैरवी करने वाला कोई नहीं बचेगा? यूपी में कैसी कानून-व्यवस्था है?
खबर के मुताबिक, मधुमित शुक्ला की बहन का पक्ष रख रहे वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अमरमणि त्रिपाठी को रिहा करना गलत है। उन्होंने जेल से ज्यादा समय तो अस्पताल के बेड पर काटा था। ऐसे में उनकी सजा पूरी कैसे हुई। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम यूपी सरकार से इस पर जवाब मांग रहे हैं।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस अनिरूद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने की। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता से कहा कि अपके तर्कों में कुछ दम होगा तो फिर से अमरमणि को जेल भेजने पर विचार करेंगे। तो वहीं, अब इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई है। कवयित्री मधुमिता हत्याकांड में अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी की रिहाई पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का बयान सामने आया है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अजय राय ने कहा, जघन्य अपराध में शामिल लोगों को रिहा नहीं किया जाना चाहिए। इससे समाज में गलत संदेश जाएगा…मैं इस कदम की निंदा करता हूं…बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा लगाने वाली पार्टी महिलाओं के खिलाफ अपराध में शामिल लोगों को रिहा कर रही है।
उन्होंने आगे कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। तो वहीं, दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि जेल से कैदियों की रिहाई जेल की नीतियों और जेल के कैदियों के आचरण पर आधारित होती है। राज्यपाल और सीएम के निर्देश के बाद ही किसी कैदी की रिहाई के आदेश दिए जाते हैं।