भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठी महिला पहलवानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए पूछा कि अब तक सभी पीड़िताओं के बयान क्यों दर्ज नहीं किए गए? इतना ही नहीं कोर्ट ने पूछा कि कब इनके बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए जाएंगे।
वहीं दिल्ली पुलिस के तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि महिला पहलवानों की शिकायत पर बृजभूषण सिंह के खिलाफ दो मामले दर्ज किए हैं। नाबालिग की शिकायत पर पहली एफआईआर में बृजभूषण के खिलाफ पॉक्सो एक्ट लगाया गया है। वहीं दूसरी एफआईआर में धारा 345, धारा 345(ए), धारा 354 (डी) और धारा 34 लगाई गई हैं।
दिल्ली पुलिस की ओर से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक महिला पहलवानों को सुरक्षा मुहैया कराई गई है। छह पुलिसकर्मी चौबीसों घंटे उनकी सुरक्षा में तैनात हैं। SG ने कहा अगर सभी बातों के लिए अगर शिकायतकर्ता कोर्ट आएंगे तो यह सही नहीं होगा, जो उनकी अर्जी में मांग थी वो पूरी हो गई है। अब नई मांग यह उचित नहीं है। उन्होने कहा दिल्ली पुलिस अपना काम कर रही है।
सभी पक्षों की बात सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह महिला पहलवानों के यौन शौषण के मामले में अब आगे की सुनवाई नहीं करेगा। कोर्ट ने कहा कि मामले में FIR दर्ज हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट में मामले में FIR को लेकर मांग की गई थी जो कि पूरी हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने महिला पहलवानों को कहा कि भविष्य में वो संबंधित मजिस्ट्रेट या हाईकोर्ट का रूख कर सकते है। इसके अलावा याचिकाकर्ताओं द्वारा रिटायर्ड जज से मामले की जांच की मांग की गई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।