वैश्विक अस्थिरता के बीच भारतीय शेयर बाजार का अप्रैल में प्रदर्शन शानदार रहा। इस दौरान सेंसेक्स ने 3.65 प्रतिशत और निफ्टी ने 3.46 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। बीते महीने बैंकिंग इंडेक्स ने शेयर बाजार में तेजी का नेतृत्व किया और निफ्टी बैंक ने 6.83 प्रतिशत का रिटर्न दिया। इसके साथ ऑटो, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विस, एफएमसीजी और रियल्टी इंडेक्स ने 4 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया है।

अप्रैल में लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप का प्रदर्शन अच्छा रहा। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 4.75 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है। हालांकि, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स ने 2.19 प्रतिशत का रिटर्न दिया।

बीते महीने निफ्टी में इंडसइंड बैंक (29 प्रतिशत), टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (16.4 प्रतिशत), इटरनल (जोमैटो) (15.3 प्रतिशत), एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस (14.1 प्रतिशत) और टाइटन (10.3 प्रतिशत) की तेजी के साथ सबसे ज्यादा बढ़ाने वाले शेयर थे।

वहीं, टाटा स्टील (9.2 प्रतिशत), हिंडाल्को (8.5 प्रतिशत), विप्रो (7.9 प्रतिशत), श्रीराम फाइनेंस (6.8 प्रतिशत) और इन्फोसिस (4.5 प्रतिशत) सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयर थे।

वैश्विक स्तर पर अस्थिरता और भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के कारण भारतीय शेयर बाजार बुधवार को सपाट बंद हुआ था। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 46 अंक या 0.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,242 और निफ्टी 1.75 अंक की मामूली कमजोरी के साथ 24,334 पर था।

अप्रैल लगातार दूसरा महीना है जब विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का इक्विटी के कैश सेगमेंट में निवेश सकारात्मक रहा है। बीते महीने एफआईआई की ओर से भारतीय बाजारों में 2,735.02 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। मार्च में यह आंकड़ा 2,014.18 करोड़ रुपए था।
वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने भी खरीदारी का क्रम जारी रखा। अप्रैल में घरेलू निवेशकों ने शेयर बाजार में 28,228.45 करोड़ रुपए निवेश किए। मार्च में यह आंकड़ा 37,585.68 करोड़ रुपए था।

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