मेरठ: देश की राजधानी नई दिल्ली के हर बॉर्डर पर किसान आंदोलन का असर देखने को मिल रहा है। बीते तीन दिन से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की और बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। MSP पर कानून समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने शुक्रवार (16 फरवरी 2024) को भारत बंद बुलाया है। एमएसपी समेत अन्य मांगों को लेकर किसान संगठनों में नाराजगी है।
इस पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि उनकी वहां हो रही हर गतिविधि पर नजर है और 16 को ग्रामीण भारत बंद रहेगा और 17 फरवरी को सिसौली में मीटिंग में आगे की रणनीति तय होगी। टिकैत ने बताया कि सरकार को अपना वादा याद नहीं रहा है। बेंगलुरु दौरे से लौटे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता नरेश टिकैत पार्टी के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी के आवास पर यहां पहुंचे थे और कुछ देर रुककर वह मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो गए थे। इस मौके पर राकेश टिकैत ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर पर अभी किसान हैं। अगर समाधान नहीं निकलता तो यह आंदोलन लंबा चलेगा। किसान लौटकर खाली हाथ इस बार वापस नहीं आएंगे।
राकेश टिकैत ने कहा कि 17 फरवरी को सिसौली में होने वाली संगठन की बैठक में इन सभी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। राकेश टिकैत ने कहा कि आज भारत सरकार के मंत्रियों के साथ में किसान संगठनों की मीटिंग है और उन्हें भरोसा उम्मीद है कि कोई हल निकलेगा अगर कोई हल निकलता है तो यह अच्छी बात होगी। राकेश टिकैत ने बिल्कुल स्पष्ट कर दिया कि 17 फरवरी को हम इस पूरे मामले में कोई निर्णय लेंगे। अभी तो बहुत कम ट्रैक्टर गए हैं और वह भी सिर्फ हरियाणा और पंजाब बॉर्डर पर ही हैं। समाधान नहीं होगा तो किसानों की संख्या वहां बढ़ेगी। किसान नेता टिकैत ने कहा कि इस बार खाली आश्वासन लेकर किसान वापस नहीं जाएगा। समाधान नहीं होगा तो किसान इस बार पीछे हटने वाले नहीं हैं।
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार भारत बंद सुबह 6 बजे से शुरू होकर शाम 4 बजे तक रहेगा। दावा यह किया जा रहा है कि भारत बंद के दौरान ग्रामीण क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट, प्राइवेट दफ्तर, गांव की दुकानों के साथ ही कृषि गतिविधियां और मनरेगा के तहत काम भी बंद रहने की उम्मीद है।