ईडी के समन की अवहेलना के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रांची की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट से झटका लगा है। अदालत ने ईडी की ओर से इस मामले में दायर मुकदमे में हेमंत सोरेन को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थिति से छूट देने से इनकार कर दिया है।

हेमंत सोरेन ने 5 जुलाई को अदालत में याचिका दाखिल कर दरख्वास्त की थी कि ईडी की ओर से समन अवहेलना का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ जो शिकायतवाद दायर की है, उसमें सुनवाई के दौरान उन्हें व्यक्तिगत तौर पर उपस्थिति से छूट दी जाए। एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश सार्थक शर्मा की अदालत ने सोरेन की याचिका पर सुनवाई और दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 11 नवंबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

अब अदालत ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को इस मामले में व्यक्तिगत रूप से बुलाया है और चार दिसंबर की तारीख निर्धारित की है। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया यह माना है कि हेमंत सोरेन ने ईडी की ओर से भेजे गए समन का उल्लंघन किया।

ईडी की ओर से सीजेएम कोर्ट में 19 फरवरी को शिकायतवाद दर्ज कराया गया था। इसमें एजेंसी ने बताया है कि जमीन घोटाले में पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन को दस समन भेजे गए थे, लेकिन इनमें से मात्र दो समन पर वह उपस्थित हुए।

यह पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की धारा 63 एवं आईपीसी की धारा 174 के तहत गैरकानूनी है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के बाद 4 मार्च को संज्ञान लिया था। बाद में यह मामला एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया था।

बता दें कि रांची के बड़गाईं अंचल से संबंधित जमीन घोटाले को लेकर ईडी ने हेमंत सोरेन को पहली बार 14 अगस्त 2023 को हाजिर होने के लिए समन भेजा गया था। इसके बाद इसी वर्ष उन्हें 19 अगस्त, 1 सितंबर, 17 सितंबर, 26 सितंबर, 11 दिसंबर, 29 दिसंबर को और 2024 में 13 जनवरी, 22 जनवरी और 27 जनवरी को समन भेजे गए थे। दसवें समन पर उनसे 31 जनवरी को पूछताछ हुई थी और इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

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