हिमाचल प्रदेश में शनिवार को भारी बारिश के कारण जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। भूस्खलन और बाढ़ के कारण राज्य में 150 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हो गई है। मंडी जिले में बारिश का सबसे अधिक असर देखने को मिला है। मंडी जिले में सबसे अधिक 111 सड़कें बंद हैं, जबकि चंबा में नौ, शिमला में आठ और सिरमौर जिले में 13 सड़कें बंद हैं।
वहीं 151 किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग 707 (एनएच-707) जो हाटकोटी को पोंटा साहिब से जोड़ता है और रास्ते में उत्तराखंड में प्रवेश करता है, भी अवरुद्ध हो गया। सतौन, कमरौ, कफोटा, चरेऊ, षिल्लै, श्री क्यारी, और रोहणात जिले में हाईवे भी अवरुद्ध हो गया है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों ने कहा कि यातायात को जल्द से जल्द बहाल करने के प्रयास जारी हैं। मूसलाधार बारिश से राज्य में सुविधाएं प्रभावित हुईं और 334 बिजली लाइनों और 55 जल योजनाओं से आपूर्ति बाधित हुई।
बारिश के कारण राज्य के ऊंचे इलाकों में पारा नीचे आ गया। लाहौल-स्पीति जिले का केलांग 9.9 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ सबसे ठंडा स्थान रहा। राज्य में सबसे अधिक बारिश कांगड़ा जिला मुख्यालय धर्मशाला में 214 मिमी, जोगिंद्रनगर में 169 मिमी, कांगड़ा में 157 मिमी, बैजनाथ में 142 मिमी, नगरोटा सूरियां में 90.2 मिमी, सुजानपुर टीहरा में 72 मिमी, धौलाकुआं में 70 मिमी, घमरूर में 68.2 मिमी और नादौन में 63 मिमी बारिश हुई।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने राज्य के अधिकांश हिस्सों में येलो अलर्ट जारी किया है। आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने कहा कि बारिश के कारण शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में कोहरा छाया रहेगा। 8 जुलाई से मौसम साफ होने की उम्मीद है।